वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के सबसे बड़े तेल खरीदारों — भारत और चीन — पर सख्त आर्थिक कदम उठाने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप इन दोनों देशों से होने वाले आयात पर 100% तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि यह कदम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है, ताकि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस को मजबूर किया जा सके।
यूरोप से तालमेल की कोशिश
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने वाशिंगटन में वरिष्ठ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों के साथ बैठक में यह प्रस्ताव रखा। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका इस फैसले के लिए तैयार है, लेकिन इसे तभी लागू किया जाएगा जब यूरोपीय साझेदार भी साथ आएंगे।
भारत और चीन पर प्रभाव
ट्रंप ने जुलाई 2025 में भारत पर 25% पारस्परिक टैरिफ लगाया था, जिसे रूस से बढ़ते तेल आयात के कारण बढ़ाकर 50% कर दिया गया। अब इसे दोगुना करने की चर्चा चल रही है। वहीं, चीन पर फिलहाल 30% टैरिफ है, लेकिन ट्रंप चाहते हैं कि यह तब तक और बढ़ाया जाए जब तक चीन रूसी तेल खरीदना बंद न कर दे।
SCO शिखर सम्मेलन और ट्रंप की प्रतिक्रिया
हाल ही में चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग एक साथ नजर आए थे। इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “भारत और रूस चीन के करीब जा रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने बाद में अपने बयान से पलटते हुए पीएम मोदी की सराहना की और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने की बात कही।
भारत का रूस से तेल आयात
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के पहले छह महीनों में भारत ने अपनी कुल तेल आपूर्ति का 35% रूस से खरीदा। चीन के बाद भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल ग्राहक है। ऐसे में ट्रंप की टैरिफ नीति भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों पर बड़ा असर डाल सकती है।
