उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मस्जिद के भीतर मां और दो बेटियों की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि दोघट थाना क्षेत्र के गांगनौली गांव के शेखो मोहल्ले की बड़ी मस्जिद में शनिवार दोपहर यह तिहरा हत्याकांड अंजाम दिया गया। मस्जिद के मुफ्ती इब्राहिम की पत्नी इसराना, बेटी सोफिया और सुमैया की हत्या गांव के ही दो किशोरों ने कर दी।वारदात के बाद दोनों आरोपी अपने घर लौटे, खून से सने कपड़े बदले और सामान्य व्यवहार करते हुए गांव के मैदान में कबड्डी खेलने पहुंच गए। इतना ही नहीं — पुलिस को गुमराह करने के लिए दोनों ने अपने दोस्तों से वीडियो बनवाया, ताकि दावा कर सकें कि घटना के समय वे खेल रहे थे। इसके बाद दोनों आरोपी दोपहर में फिर मस्जिद पहुंचे और वहां बंद पड़े CCTV कैमरे को चालू कर दिया, जिससे उनकी उपस्थिति को “सामान्य” दिखाया जा सके। पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का सिर्फ छह घंटे में खुलासा कर दिया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी मस्जिद में दीनी तालीम लेने आते थे और साथ ही गांव के एक स्कूल में कक्षा आठ के छात्र हैं।

दोनों आरोपियों ने बताया कि पांच दिन पहले सबक याद नहीं करने पर मुफ्ती इब्राहिम और इसराना ने एक छात्र की पिटाई कर दी थी। पिटाई से क्षुब्ध छात्र ने अपने साथी के साथ मिलकर मुफ्ती से बदला लेने की योजना बना ली। इसके बाद शुक्रवार को भी उसकी पिटाई कर दी। इससे ही वह काफी गुस्से में हो गए। बताया कि शनिवार दोपहर आरोपी छात्र मस्जिद में गया और सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए। कमरे की अलमारी में रखी बसूली भी उठाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद अपने साथी के साथ मिलकर पीछे के रास्ते से मस्जिद में घुसकर बसूली और चाकू से वार कर इसराना, सोफिया, सुमाइया की हत्या कर दी। फिर बाथरूम में जाकर खून से सने कपड़े पर उसने अपना रुमाल रख लिया था। घटना के बारे में किसी से कोई जिक्र नहीं किया और घर पर खून से सने कपड़े बदलने के बाद मैदान में जाकर कबड्डी खेलने लगे।

उधर, कैमरे बंद और चालू होने की फुटेज में नजर आने पर छात्र शक के घेर में आ गया। पुलिस के पकड़ने पर पूछताछ में उसने हत्या की पूरी घटना बताई। हत्यारोपी किशोरों ने सीढ़ी के नीचे छिपाई बसूली और छत पर फेंका चाकू भी बरामद कराया। पुलिस ने दोनों किशोरों को शनिवार देर रात गांव से पकड़ लिया था। रविवार शाम को किशोरों को न्यायालय बोर्ड बागपत में पेश किया। वहां से उनको बाल सुधार गृह मेरठ भेज दिया गया। किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्य अनिल चौहान ने बताया कि दोनों आरोपी काफी शातिर हैं और वह हर बात पूछने पर सटीक तरीके से जानकारी दे रहे हैं। दोघट के गांगनौली गांव में तिहरे हत्याकांड के बाद जांच कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने वालों की पुलिस ने पहचान करना शुरू कर दिया। इसके लिए घटनास्थल पर बनाई गई वीडियो भी देखी जा रही है। इसमें गांव की राजनीति के चक्कर में लोगों को भड़काकर हंगामा करने वाले कई लोग चिह्नित भी किए गए हैं और इन सभी पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी है। तिहरे हत्याकांड के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया तो मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए सैकड़ों लोगों ने हंगामा कर दिया।

इसके चलते दो घंटे तक शव नहीं उठाने दिए और वहां आए पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी की। भीड़ में शामिल कई लोगों ने पुलिसकर्मियों की वर्दी और बैज खींचकर फाड़ने का भी प्रयास किया। इसकी वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस के साथ हाथापाई और खींचतान को लेकर पुलिस अब कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। जांच अधिकारी सूर्यदीप सिंह का कहना है कि पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बागपत जिले के दोघट के गांगनौली की बड़ी मस्जिद परिसर में शनिवार की दोपहर मुफ्ती इब्राहिम की पत्नी आलिमा इसराना (30), बेटी सोफिया (5), सुमाझ्या (2) की दो नाबालिगों ने बसूली से सिर कुचलकर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़कर आला कत्ल बसूली और एक चाकू बरामद कर लिया है। शामली जिले के सुन्ना गांव निवासी मुफ्ती इब्राहिम अपने परिवार के साथ गांगनौली की बड़ी मस्जिद में ऊपरी मंजिल में बने कमरे में तीन साल से रह रहे हैं। उनकी पत्नी इसराना आलिमा की पढ़ाई करके पड़ोस की बच्चियों को दीनी तालीम देती थीं। शनिवार दोपहर में छह बच्चियां दीनी तालीम लेने के लिए मस्जिद में आईं तो काफी देर तक आवाज लगाने पर दरवाजा नहीं खुला। वे सीढ़ी से चढ़कर छत पर गईं और दरवाजा खोला। कमरे में जाकर देखा तो इसराना, सोफिया और सुमाइया के शव खून से लथपथ चारपाई पर पड़े दिखे।

शव देखते ही बच्चियां चिल्लाते हुए मस्जिद से बाहर आ गईं। भीड़ ने पुलिस के शव उठाने का विरोध किया। एसपी से नोकझोंक और एएसपी की गाड़ी को तोड़ने का प्रयास किया गया। मेरठ के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। एसपी सूरज कुमार राय के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि वे दोनों मस्जिद में दीनी तालीम लेते थे। उनको मुफ्ती इब्राहिम और कभी इसराना पढ़ाती थी। इब्राहिम उनको डांटने के साथ ही पिटाई कर देते थे। इसलिए गुस्से में परिवार को मारने की योजना बनाई। इसके लिए कई दिन से फिराक में लगे थे। उनको पता चला कि शनिवार को इब्राहिम देवबंद गए हैं तो दोपहर में दोनों मस्जिद में आए। मस्जिद में नीचे राजमिस्त्री द्वारा काम करने के लिए बसूली रखी हुई थी जिसको उठाकर ले गए। पहले इसराना पर वार किए और फिर बच्चियों पर वार कर दिया। इस तरह तीनों की हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद गांव के पास ही घूमते रहे। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आला कत्ल बसूली और एक चाकू बरामद किया गया है। इसराना लोनी की रहने वाली थी और मुफ्ती इब्राहिम से उसका निकाह सात साल पहले हुआ था। निकाह के बाद इब्राहिम कई साल तक इसराना के साथ लोनी की मस्जिद में रहे और तीन साल पहले यहां आए थे। इसराना की दो बेटियां थीं तो वह अब पांच महीने की गर्भवती थी। एसपी के सामने इब्राहिम ने इसकी पुष्टि की।
