छत्तीसगढ़ PSC भर्ती घोटाले में CSR फंड से लेन-देन, उद्योगपति पुत्र श्रवण गोयल के अलावा कंपनी के अन्य डायरेक्टरों के खिलाफ भी दर्ज हो सकता है अपराध, गोयल की कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका…. 

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रायपुर। छत्तीसगढ़ PSC घोटाले में CSR फंड से मोटी रकम रिश्वतखोरी के लिए दी गई थी। औद्योगिक कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर ने इसकी बाकायदा स्वीकृति एक बैठक के बाद दी थी। इस गैर-क़ानूनी कार्य के लिए CSR फंड के दुरुपयोग को लेकर राज्य और केंद्र की एजेंसियां गंभीर नजर आ रही है। सूत्र तस्दीक करते है कि CSR फंड के उपयोग को लेकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। एक संवैधानिक संस्था में घोटाले के लिए रिश्वतखोरी इसी मद से की गई थी। सीबीआई ने इस सिलसिले में बजरंग इस्पात के डायरेक्टर और जेल में बंद कारोबारी श्रवण कुमार गोयल के बारे में अदालत को कई तथ्यों से अवगत कराया है।

प्रदेश में यह पहला मौका है, जब औद्योगिक घरानों द्वारा लेन-देन कर शासन-प्रशासन में अपनी सहभागिता दर्ज की गई हो। आमतौर पर औद्योगिक इकाईओं में कर्ताधर्ता कारोबार पर जोर देते है, लेकिन CGPSC में कई उद्योगपति भी अधिकारी बनने की राह पकड़ चुके थे। यह छत्तीसगढ़ शासन की लोक व्यवस्था के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक श्रवण कुमार गोयल, एक औद्योगिक इकाई के डायरेक्टर है। हाल ही में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर किया गया था। जबकि उनकी पत्नी का भी वर्ष 2023 की PSC परीक्षा में उच्च अंकों के साथ डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन किया गया था। 

उधर कारोबारी श्रवण गोयल की जमानत याचिका को अदालत ने ख़ारिज कर दिया है। CBI ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में श्रवण के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए है। चार्ज शीट में सीबीआई ने CGPSC पर्चा लीक, नौकरी के लिए रकम, ट्रांजैक्शन का पूरा डिटेल पेश कर प्रदेश के औद्योगिक घरानों की पोल भी खोल दी है। इस मामले में अब तक पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक और भूमिका, नितेश, पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि कई नए आरोपियों और संदेहियों को लेकर एजेंसियों की पूछताछ जारी है। 

अदालत में CBI की स्पेशल कोर्ट में CGPSC के पूर्व चेरमैन टामन सोनवानी, डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर, सोनवानी का भतीजा, बेटा साहिल, नितेश के साथ बजरंग इस्पात के पूर्व डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक, बहू भूमिका के खिलाफ 465 पन्नों का चालान पेश किया गया है। इसके अलावा 15 पन्नों की CBI के वकील ने आपराधिक समरी भी पेश की है। परीक्षा भर्ती मामले में सीबीआई ने कोर्ट में 40 गवाहों की सूची सौंपी है।

चार्जशीट में आरोप है कि पीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लेनदेन कर अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को उपकृत करने पेपर लीक किया था। कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट पर 30 जनवरी को बचाव और अभियोजन पक्ष अपना तर्क प्रस्तुत कर आरोपियों के बचाव के लिए कई दलीलें भी दी थी। CGPSC परीक्षा भर्ती घोटाला सामने आने के बाद वर्ष 2018 से लेकर 2023 के 5 वर्षों में चयनित कई उम्मीदवारों को लेकर भी अब सवाल खड़े होने लगे है।

हालांकि, हालिया मामले में CBI ने पूर्व पीएससी चेयरमैन और कारोबारी गोयल को दो माह पूर्व गिरफ्तार किया था। वहीं घोटाले में सबूत मिलने के बाद डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर सहित कारोबारी के बेटे-बहू और चेयरमैन के भतीजे, बेटा को गिरफ्तार किया गया है। CBI ने कोर्ट को बताया कि, परीक्षा में सिंडिकेट कार्य कर रहा था, जिसने पैसों का लेन-देन कर पर्चा लीक किया था। पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक की जांच जारी है, राज्यपाल से उनकी गिरफ्तारी को हरी झंडी मिल गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही आरती की भी गिरफ्तारी की जाएगी।