नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल के सामने लम्बा जाम लग गया है। हज़ारों लोग सड़कों पर उतर कर पढ़ाई के नाम पर टॉर्चर को लेकर शिक्षकों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। कई राजनैतिक दलों ने भी लोगों के साथ सड़कों पर उतर कर इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। उधर, दिल्ली सरकार ने मामले की जाँच के निर्देश दिए है।10वीं के एक छात्र की आत्महत्या के बाद सेंट कोलंबस स्कूल के चार टीचर सस्पेंड कर दिए गए है। लेकिन नाराज अभिभावक इस कार्यवाही को नाकाफी बता रहे है। दिल्ली सरकार की जांच समिति तीन दिन में रिपोर्ट देगी। इससे पूर्व आज नया हंगामा खड़ा हो गया है। लोगो के विरोध प्रदर्शन के देखते हुए, कई मार्गो पर आवागमन ठप्प देखा जा रहा है। सड़कों पर चक्का जाम के हालात नजर आ रहे है।

सेंट कोलंबस स्कूल में 16 वर्षीय छात्र शौर्य पाटिल की आत्महत्या ने पूरे शहर को सदमे में डाल दिया है.आरोप बेहद गंभीर हैं. पीड़ित छात्र लंबे समय से मानसिक प्रताड़ना झेल रहा था, कई बार मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया. बताया जाता है, कि सेलेबस पूर्ण करने, तो कभी कम अंक आने पर छात्र को अपमानित किया जाता था। दिल्ली सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्कूल की जांच के आदेश दे दिए और एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है. छात्र के परिवार, दोस्तों और स्थानीय लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर आरोपी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई की मांग की. छात्र का सुसाइड नोट, उसकी शिकायतें, और दोस्तों के बयान इस मामले को और भी भयावह बनाते हैं. सेंट कोलंबस स्कूल के बाहर गुरुवार को भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. छात्र के माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों ने आरोप लगाया कि शिक्षक लगातार उसे निशाना बनाते थे, जिससे वह गंभीर अवसाद में चला गया. प्रदर्शनकारियों ने निजी स्कूलों की जवाबदेही तय करने की मांग उठाई. स्कूल प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

शौर्या पाटिल की आत्महत्या के बाद सेंट कोलंबस स्कूल प्रशासन ने चार शिक्षकों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड किए गए शिक्षकों में अपराजिता पाल (हेड मिस्ट्रेस, क्लास 4 से 10), जूली वर्गिस (TGT), मनु कालरा (Co-ordinator) और युक्ति महाजन (TGT) शामिल हैं. जांच पूरी होने तक सभी पर स्कूल परिसर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. स्कूल ने आदेश दिया है कि न तो छात्र और न ही स्टाफ इन शिक्षकों से किसी प्रकार का संपर्क करेंगे. यदि जांच एजेंसियां बुलाती हैं, तो इन्हें उपस्थित होना अनिवार्य होगा. फ़िलहाल, दिल्ली नए हंगामे के दौर से गुज़र रही है। इसमें पढ़ाई के बोझ तले दबे छात्रों के बेमौत मारे जाने का मामला सुर्ख़ियों में है।
