कल शिव पूजा का महापर्व यानी शिवरात्रि है। पंचांग के हिसाब से ये दिन फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को होता है। जो कि इस बार कल 1 मार्च को है। शिव पुराण में लिखा है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग से ही सृष्टि शुरू हुई थी। इस दिन सबसे पहले भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने शिवलिंग की पूजा की थी। तब से हर युग में इस तिथि पर भगवान शिव की महापूजा और व्रत-उपवास करने की परंपरा चली आ रही है। इस पर्व पर दिनभर तो शिव पूजा होती ही है, लेकिन ग्रंथों में रात में पूजा करने का खास महत्व बताया गया है। इस पर्व से जुड़ी मान्यता ये भी है कि इस दिन भगवान शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।
महा शिवरात्रि पर, भक्त प्रार्थना, उपवास, और नैतिकता और गुणों जैसे क्षमा, ईमानदारी, दान आदि पर ध्यान लगाकर भगवान शिव को याद करते हैं। उत्साही भक्त पूरी रात जागते रहते हैं, जबकि अन्य शिव मंदिरों में जाते हैं या ज्योतिर्लिंगम की तीर्थ यात्रा पर जाते हैं।इस साल, महा शिवरात्रि मंगलवार, 1 मार्च को पड़ रही है। यहां उपवास, शिव पूजा विधि और उसी के समय पर एक नज़र है।
उपवास और शिव पूजा विधि
आपको बता दें कि शिवरात्रि व्रत से एक दिन पहले, त्रयोदशी पर भक्तों को बिना प्याज आदि का भोजन करना चाहिए. जबकि शिवरात्रि के दिन, सुबह उठकर स्नान करके पूरी श्रद्धा के साथ इस भगवान भोलेनाथ के आगे व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प के दौरान भक्त उपवास की अवधि पूरा करने के लिये भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं. आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी तभी संकल्प लें.
शिवरात्रि वाले दिन सुबह स्नान करके मंदिर में पूजा करने जाना चाहिए. शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव पूजा रात्रि खास रूप से करनी चाहिए. पूरे दिन और रात उपवास करने के बाद अगले दिन सूर्योदय होने के बाद नहाकर ही व्रत खोला जाता हैं. वास्तविक मान्यता यही है कि शिव पूजन और पारण चतुर्दशी तिथि में ही की जाती है.
शुभ मुहूर्त
इस वर्ष महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी। शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी।
चरण 1 पूजा: 1 मार्च, मंगलवार, शाम 6:21 बजे से रात 9:27 बजे तक
चरण 2 पूजा: 1 मार्च रात 9:27 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक
चरण 3 पूजा: 2 मार्च दोपहर 12:33 बजे से दोपहर 3:39 बजे तक
चरण 4 पूजा: 2 मार्च, सुबह 3:39 बजे से सुबह 6:45 बजे तक
वहीं,निशिता काल पूजा का समय 02 मार्च 2022 को सुबह 12:08 से लेकर सुबह 12:58 बजे तक ही रहने वाला है.
चतुर्दशी तिथि कब शुरू होगी :
01 मार्च 2022 को सुबह 03:16 बजे से होगी प्रारंभ
चतुर्दशी तिथि कब समाप्त होगी :
02 मार्च 2022 को सुबह 01:00 बजे होगा समापन
(नोट: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)