आज के दिन महाराष्ट्र सरकार को दोहरी मार , अदालत से मिला झटका , मुंबई हाईकोर्ट से कंगना रनौत और सुप्रीम कोर्ट से अर्नब गोसामी की गिरफ्तारी मामले को लेकर कड़ी फटकार , अदालत में शर्मसार हुई महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार

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मुंबई/दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उनके न्यूज़ चैनल को लेकर महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है | अदालत ने कहा कि एक दिन के लिए भी किसी की आजादी छीनना गलत है | अदालत ने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ हुआ , क्रिमिनल लॉ का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए | उधर मुंबई हाईकोर्ट ने भी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का घर-ऑफिस तोड़े जाने को लेकर बीमएसी को जमकर फटकारा | अदालत ने इस मामले में कंगना रनौत को बीमएसी की और से दिए गए सभी नोटिस रद्द कर दिए | माना जा रहा है कि कंगना को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी अदालत बीएमसी को बाध्य कर सकती है |

टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने के करीब 15 दिनों बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को बेल दिए जाने के कारणों को स्पष्ट किया।SC ने आत्महत्या मामले में 11 नवंबर को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के मामले में दी गई अंतरिम जमानत के लिए विस्तृत आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज FIR का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन उनके खिलाफ आरोप स्थापित नहीं करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी की 2018 में आत्महत्या मामले में अंतरिम जमानत तब तक जारी रहेगी जब तक बॉम्बे HC उनकी याचिका का निपटारा नहीं कर देता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत अगले 4 सप्ताह के लिए होगी जिस दिन से मुंबई हाईकोर्ट ने आत्महत्या के मामले में उनकी जमानत याचिका पर फैसला किया।विगत 11 नवंबर को सर्वोच्च अदालत गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि अगर उनकी निजी स्वतंत्रता को बाधित किया गया तो यह अन्याय होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने 11 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को जमानत मंजूर करते हुए इस बात पर चिंता जताई थी कि राज्य सरकार कुछ लोगों को सिर्फ इस आधार पर कैसे निशाना बना सकती है कि वह उसके आदर्शो या राय से सहमत नहीं हैं।

उधर कंगना के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि बीएमसी के अधिकारियों ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ढहाने में दुर्भावना से कार्रवाई की और अदालत ने विध्वंस के आदेश को रद्द कर दिया। नुकसान का आंकलन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया। हाईकोर्ट ने कहा- बीएमसी ने अधिकारों का दुरुपयोग किया बंगले के नकुसान का मूल्यांकन किया जाएगा और 90 दिनों के अंदर सौंपना होगा। ताकि कंगना को हुए नुकसान का मूल्यांकन कर यह फैसला लिया जाए कि उन्हें कितना मुआवजा दिया जाना है।

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हाईकोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना रनौत ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की। कंगना ने लिखा, ‘जब कोई शख्स सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है तो यह केवल उस इंसान की नहीं बल्कि डेमोक्रेसी की जीत होती है। जिन्होंने मुझे हिम्मत दी उन्हें धन्यवाद और उन्हें भी धन्यवाद जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे। यह केवल इसलिए क्योंकि जब आप विलेन का रोल निभाते हैं तो मैं हीरो हो सकती हूं।