आज गणेश चतुर्थी,घर-घर विराजेंगे विघ्नहर्ता, 2 साल बाद कोरोना के खौफ से उबरे गणेश भक्त ,पंडालों में नियमों के अनुसार होंगे दर्शन ,जानें- गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व व सब कुछ , पढ़े इस खबर को

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नई दिल्ली / मुंबई /रायपुर /भोपाल : देशभर में आज से गणेशोत्सव का त्यौहार शुरू हो गया है | ज्यादातर राज्यों में कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए ,लोग गणपति प्रतिमाओं को घर लाकर विराजमान कर रहे है | 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में गणपति पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए है | गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक यानी दस दिनों तक चलता है। इसके बाद चतुर्दशी को इनका विसर्जन किया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को अत्यंत ही पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी का नाम किसी भी कार्य के लिए पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें ‘प्रथमपूज्य’ भी कहते हैं। वह गणों के स्वामी हैं, इस वजह से उनका एक नाम गणपति भी है। इसके अलावा हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है।

पंडित अजय त्रिपाठी के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त 2022 को दोपहर के 03 बजकर 34 मिनट पर होगी। फिर यह चतुर्थी तिथि 31 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगी। पद्म पुराण के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म स्वाति नक्षत्र में मध्याह्न काल में हुआ था।  इस कारण से इसी समय पर गणेश स्थापना और पूजा करना ज्यादा शुभ और लाभकारी होगा।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है, लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बहुत ही खास मानी जाती है। इस तिथि पर ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए सभी चतुर्थी में यह सबसे प्रमुख होती है। भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त में घर में गणपति की मूर्ति स्थापित की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों का मानना है कि घर पर सुख-समृद्धि , शांति और बाधाओं को दूर करने के लिए घर पर गणपति की स्थापना और विधि-विधान के साथ गणपति की पूजा लाभकारी होती है।