दिल्ली : आज देश भर में दशहरे की धूम है | हालांकि कई राज्यों में बारिश ने इसमें खलल डाला है | देश में गांव से लेकर शहरो तक रावण वध का कार्यक्रम सुबह से ही शुरू हो गया है | हिंदू धर्म में दशहरा का बहुत अधिक महत्व है। असत्य पर सत्य की जीत के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इसकी याद में दशहरे की परम्परा शुरू हुई |
असत्य पर सत्य की जीत के रूप में इस पर्व को पूजा -पाठ के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर सनातन हिन्दू धर्म की नीव मजबूत की थी | दशहरा के दिन भगवान श्री राम की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है।
दशहरा के दिन हवन करना भी शुभ माना जाता है। हवन करने से दुख- दर्द दूर होते हैं और सुख- समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं हवन की विधि और सामग्री…
दशहरा के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए।किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं। हवन के समाप्त होने के बाद आरती करें | भगवान को भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होते हैं। आप हवन के बाद कन्या पूजन भी करवा सकते हैं।