रायपुर / छत्तीसगढ़ में नगरीय चुनाव को लेकर नामांकन वापसी की प्रक्रिया अब शुरू होने वाली है | लेकिन जिन नेताओं का टिकट कटा है , वो बगावती तेवर अपना रहे है | दो दर्जन से ज्यादा बागियों के चुनावी मैदान में उतरने के ऐलान से बीजेपी के सांसे फूली हुई है | रायपुर , बिलासपुर , रायगढ़ , धमतरी , दुर्ग , अम्बिकापुर जैसे बड़े जिलों में बागियों ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है | यदि ये उम्मीदवार नामांकन वापसी के लिए तैयार नहीं होते तो इसका सीधा खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा | बीजेपी मुख्यालय से लेकर पार्टी के जिलाध्यक्षों और संगठन पदाधिकारियों के यहां बागियों को बिठाने के लिए बैठकों का दौर जारी है | इसके लिए गठित समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है |
राज्य में बीजेपी के भीतर टिकट वितरण के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने और बागियों को मनाने के लिए सभी जिलों में समन्वय समिति ने मोर्चा संभाल लिया है | बागियों के रुख को देखते हुए प्रत्येक जिलों में आधा दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है| नाराज दावेदारों को मनाने के साथ साथ समन्वय समिति ही चुनाव प्रचार में बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम बनाएगी| रायपुर में जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल के साथ 9 सदस्यों को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है| इनमे बृजमोहन अग्रवाल, सुनील सोनी, राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, श्रीचंद सुंदरानी, सच्चिदानंद उपासने, नंदे साहू और छगन मूंदड़ा हैं | इसी तरह रायपुर ग्रामीण से जिलाध्यक्ष डॉ. गुलाब सिंह टिकरिहा, चंद्रशेखर साहू, श्याम बैस, अशोक बजाज, देवजी भाई पटेल, नवीन मारकंडे, संजय ढीढी समन्वय समिति में है| संगठन के नेताओं बताया की समन्वय समिति भितरघात पर नजर रखेगी| इसके अलावा वार्डों में बड़े नेताओं के दौर व कार्यकर्ताओ की जिम्मेदारी पर भी बात करेगी| इसी तरह अन्य जिलों में भी वरिष्ठ नेताओं को समन्वय समिति में शामिल कर उनके कंधों पर रूठे दावेदारों को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है |
