
तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने गर्भवती महिला को सड़क पर रोक दिया, जबकि उच्च अधिकारियों ने उसे निजी अस्पताल ले जाने की अनुमति दी थी।
घटना का विवरण
रामचंद्रपुरम मंडल में मंगलवार सुबह, अनुपल्ली पंचायत के गोकुलपुरम गांव निवासी भास्कर रेड्डी की पत्नी के. श्रीदेवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिवार ने सुबह 6:10 बजे 108 आपातकालीन सेवा को कॉल किया और निजी अस्पताल में ले जाने का अनुरोध किया। उच्च अधिकारियों ने इसे मंजूर किया और वेदुकुप्पम से एम्बुलेंस भेजी गई।
लेकिन नेमालीगुंटापल्ली के पास, एम्बुलेंस चालक को सुपरवाइजर का फोन आया जिसमें निजी अस्पताल में ले जाने से मना किया गया। चालक ने सड़क पर गाड़ी रोक दी और कहा कि महिला केवल सरकारी अस्पताल जा सकती है। परिवार ने मजबूरन दूसरी गाड़ी का इंतजाम किया और लगभग सुबह 9 बजे तिरुपति पहुंचे। इसके बाद श्रीदेवी ने निजी अस्पताल में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
परिवार की प्रतिक्रिया
भास्कर रेड्डी ने एम्बुलेंस स्टाफ के व्यवहार की निंदा करते हुए पूछा, “अगर समय पर दूसरी गाड़ी नहीं मिलती तो क्या होता?” उन्होंने सवाल उठाया कि 108 एम्बुलेंस स्टाफ कैसे महिला को बिना अस्पताल पहुँचाए सड़क पर छोड़ सकते हैं।
अधिकारियों का बयान
संयुक्त चित्तूर जिले के 108 एम्बुलेंस प्रभारी मोहन बाबू ने कहा कि चालक और ईएमटी ने महिला को एम्बुलेंस से उतरने के लिए नहीं कहा। केवल यह बताया गया कि वे निजी अस्पताल नहीं ले जा सकते। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालकृष्ण नायक ने पुष्टि की कि मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।