बालाघाट / मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में शामिल राज्य के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के एक बयान की चर्चा जोरो पर है | मंत्री जी के बयान को सुनने के बाद कांग्रेस भी हैरत में है | उसे समझ में नहीं आ रहा है कि मंत्री जी के बयान पर प्रतिक्रिया दे भी तो क्या दे ? दरअसल वारासिवनी विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि जब तक कमलनाथ की सरकार है, तब तक मैं उनके साथ हूं। आगे उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर सरकार गिर जाती है तो मेरे विकल्प खुले रहेंगे। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला लूंगा। मंत्री जी के इस बयान को भविष्य की राजनीति के तकाजे से जोड़कर देखा जा रहा है |
हालांकि स्थानीय कांग्रेस के नेताओं ने साफ किया है कि प्रदीप जायसवाल के बयानों को मीडिया ने तोड़मरोड़ कर पेश किया है | इससे पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है | वे अपने तमाम राजनैतिक फैसले अपने वोटरों से पूछ कर करते है , इसलिए किसी भी परिस्थिति में वे अपना फैसला इलाके की जनता को सहभागी रखकर करेंगे | उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के साथ वे लोक कल्याणकारी कार्य में जुटे है | वे पूरी तरह से कांग्रेस और मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ खड़े है |
हालांकि स्थानीय कांग्रेस के नेताओं ने साफ किया है कि प्रदीप जायसवाल के बयानों को मीडिया ने तोड़मरोड़ कर पेश किया है | कांग्रेसी नेता अजय मिश्रा ने कहा कि विधायक प्रदीप जायसवाल कांग्रेसी पृष्टभूमि के है | निर्दलीय होने के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर विश्वास जताते हुए मंत्री मंडल में शामिल होना मुनासिब समझा था | अजय मिश्रा ने कहा कि मंत्री मंडल में शामिल होने का प्रदीप जायसवाल का फैसला स्थानीय जनता से सहमति के बाद लिया गया था | उन्होंने कहा कि प्रदीप जायसवाल के बयानों का गलत मतलब निकाला गया | दरअसल प्रदीप जायसवाल प्रतिक्रिया में अपनी स्थिति साफ़ करते हुए कह रहे थे कि वे भविष्य में कोई भी राजनैतिक फैसला अपने इलाके की जनता से पूछे बगैर नहीं करेंगे | मिश्रा ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी |
उधर मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दावा किया कि बीजेपी काले धन के जरिए कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यह आरोप भी लगाया कि यह सब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर हो रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी के कुछ नेता आठ विधायकों को जबरन हरियाणा के एक होटल में ले गए हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और रामपाल सिंह सहित अन्य बीजेपी नेता साजिश के तहत आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में जबरन ले गए। विधायकों ने हमें बताया कि भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें जबरन वहां ले जाया गया।’
पटवारी ने कहा कि हम उन्हें वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनमें से चार विधायक वापस भी आ गए हैं, लेकिन आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह को जबरन उठा लिया गया है। पटवारी के इस बयान से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी पर कांग्रेस के विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) के आरोप लगाते हुए दावा किया था कि बीजेपी के एक पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह बसपा की विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं।
बीजेपी ने दिग्विजय के इस दावे को खारिज करते कहा कि राज्यसभा के 26 मार्च को होने वाले चुनाव में अपना नामांकन सुनिश्चित करने के लिये वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।