TikTok यूजर्स के लिए बुरी खबर , हाईकोर्ट ने लगाया बैन |

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मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र को चीन के पॉपुलर वीडियो ऐप TikTok पर बैन लगाने के निर्देश दिए हैं | कोर्ट ने कहा कि जो बच्चे TikTok का इस्तेमाल कर रहे हैं वे यौन शोषकों के संपर्क में आने से असुरक्षित हैं | इसके साथ ही मीडिया को भी इस ऐप के जरिए बनाए गए वीडियो का प्रसारण न करने के लिए कहा गया है |  टिक-टॉक ऐप पर यूजर्स अपने शॉर्ट वीडियो स्पेशल इफेक्ट्स के साथ बनाकर उन्हें शेयर कर सकता है |  भारत में इसके करीब 54 मिलियन प्रति महीने एक्टिव यूजर्स हैं | ऐप के खिलाफ मदुरई के वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मुथु कुमार ने याचिका दाखिल की थी |  अश्लील साहित्य, सांस्कृतिक गिरावट, बाल शोषण, आत्महत्याओं का हवाला देते हुए इस ऐप पर बैन लगाने के निर्देश देने की कोर्ट से गुजारिश की गई थी |  जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर ने केंद्र सरकार को साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगर वह अमेरिका में बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट तरह नियम को लागू करने पर विचार कर रही है तो 16 अप्रैल तक जवाब दे |

बीजिंग की कंपनी ने साल 2019 में इस सोशल वीडियो ऐप को लॉन्च किया था  | बीजिंग कंपनी द्वारा बनाई गई एप ‘TikTok’ पर यूजर्स अपने छोटे-छोटे वीडियो बनाने के साथ ही उन्हें शेयर भी कर सकते है |  भारत में  बेहद ही कम समय में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के बीच ये काफी लोकप्रिय हो गया है |  ऐप के जरिए बॉलिवुड के डॉयलोग, जोकस पर यूजर्स वीडियो बनाते हैं |  इतना ही नहीं इसमें लिप-सिंक से लेकर लोकप्रिय संगीत पर डांस भी करते हैं | बता दें कि फरवरी में मीडिया से बात करते हुए, तमिलनाडु के आईटी मंत्री ने कहा था कि ऐप पर कुछ कंटेंट काफी ‘असहनीय’ होता है |  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के करीबी एक हिंदू राष्ट्रवादी समूह ने भी ऐप को बैन करने की बात कही है । वहीं फरवरी में ही बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा था कि पार्टी ने कुछ TikTok वीडियो देखे और इस प्लेटफार्म को काफी क्रिएटिव बताया था |