रायपुर : छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया ईडी की हवालात में है। सूत्र बताते है कि उनकी रवानगी से नौकरशाही में खुशी की लहर देखी जा रही है। खास तौर पर उन अफसरों के चेहरे खिले हुए है, जो आर्थिक अपराधो और कई घोटालों की मुख्य आरोपी उपसचिव सौम्या चौरसिया के निर्देशों को असहज रूप से स्वीकार कर रहे थे।
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बताया जाता है कि न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ पर जैसे ही सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी की खबर सुर्खियों में आई, वैसे ही सैकड़ों अधिकारियों का चेहरा चमचमाने लगा। ये अफसर ईडी और आईटी की टीम को धन्यवाद देते नजर आये। कई अफसरों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की विधिसंगत कार्यवाही की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
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बताते है कि सरकार के तमाम कार्यालयों में सौम्या के गैर कानूनी गतिविधियों की चर्चा अफसरों और कर्मियों की जुबान पर रही। उसकी गिरफ्तारी की खबर लगते ही कई अफसरों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। हालांकि नियम कायदो से बंधे नौकरशाहो ने अपनी खुशियों को कमरे तक सीमित रखा। ना तो उन्होंने अपना नाम जाहिर होने दिया और ना ही खुलकर अपनी खुशी जनता के साथ बांटी।
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उधर, सैकड़ों की तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के चेहरे पर भी खुशी की झलक देखने को मिली। ये कार्यकर्ता भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर ढुलमुल रवैया अपनाये जाने को लेकर अपनी ही सरकार को कोसते नजर आयें। कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सौम्या की गिरफ्तारी का स्वागत किया। लेकिन दबी जुबान में। ये कार्यकर्ता भी नौकरशाही की तर्ज पर अपनी खुशियां दबाते छिपाते नजर आये। वे नाम ना जाहिर करने की शर्त पर यह दावा करते हुए दिखाई पडे कि अब वास्तव में मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रष्ट्राचार मुक्त हो गया है। इन कार्यकर्ताओ ने स्वीकार किया कि सौम्या के काले कारनामों के चलते जनता के बीच सरकार की छवि धूमिल हो रही थी। उनका मानना है कि उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही नहीं होने से सरकार और पार्टी को लेकर लोगों में गलत संदेश जा रहा था। फिलहाल कांग्रेसी कार्यकर्ता ईडी की कार्यवाही से खुश नजर आ रहे है।
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इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा आज अचानक बढी नजर आयी। बताते है कि मुख्यमंत्री को खतरा किसी आतंकी या नक्सली संगठन से नहीं, बल्कि उन पत्रकारों से है जो सौम्या चौरसिया के काले कारनामों को लेकर उनसे सवाल पूछ सकते हैं। बताया जाता है कि जनसंपर्क विभाग के अलावा रायपुर पुलिस के सैकड़ों जवान मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द नजर आये। उनकी आवाजाही के दौरान विभिन्न मसलो पर चर्चा करने वाले पत्रकारों को साफ तौर पर कई टिप्स दिये जाने की खबरे सामने आ रही है।
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हालांकि किसी भी प्रेस मीडिया कर्मी ने सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी और काले कारनामों को लेकर मुख्यमंत्री बघेल से सवाल पूछने की हिम्मत नहीं जुटाई। हालांकि ये कर्मी खानापूर्ति और अपने बचाव में सरकार की वाहवाही से जुड़े प्रसंगो पर ही जोर देते रहे। किसी भी प्रेस मीडिया कर्मी ने सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ शासन की वैधानिक कार्यवाही को लेकर भी कोई सवाल मुख्यमंत्री बघेल से नही किया।
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इन कर्मियो की हौसला अफजाई के लिये मौके पर प्रचार प्रसार विभाग की टीम बखूबी अपना काम करते नजर आयी। अब यह देखना गौरतलब होगा कि सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद उसके निलंबन और अन्य वैधानिक कार्यवाही को लेकर शासन प्रशासन क्या कदम उठाता है।