रायपुर / भारत चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में कांकेर के युवा सैनिक गणेश कुंजाम भी शहीद हो गए | लेकिन शहादत से पहले उन्होंने अपने साथियों के साथ कई चीनी सैनिको को धुल चटा दी | कांकेर के चारामा के ग्राम कुरुटोला निवासी गणेश कुंजाम की शहादत को पूरा देश नमन कर रहा है | उधर कैट ने चीनी सामान का बहिष्कार की घोषणा कर व्यापारियों से सहयोग की अपील की है | उसने 500 से अधिक उत्पादों की सूची जारी कर व्यापारियों से कहा है कि इसे बाजार से बाहर करे | कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने लोगों से भी कहा है कि वे चीनी प्रोडेक्ट से दूरियां बनाये |
कन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि लदाख में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों पर किये गए हमले की देश भर के व्यापारियों ने कड़ी आलोचना की है |
कन्फेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की है | उसने भारतीय सामान – हमारा अभिमान के अंतर्गत आज 500 से अधिक वस्तुओं की बृहद सूची जारी की जिसके अंतर्गत 3000 से अधिक वो उत्पाद हैं जो चीन में निर्मित होकर भारत में आयात होते हैं | उसके मुताबिक कैट ने इसके बहिष्कार के आव्हान के प्रथम चरण में दिसम्बर 2021 तक भारत द्वारा चीन से आयात में 13 बिलियन डॉलर जो लगभग एक लाख करोड़ रुपये होता है, की कमी करने का लक्ष्य रखा है ।
कैट की इस सूची में रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुएं, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, गारमेंट, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन अपैरल, खाद्यान ,घड़ियाँ, जैम एवं ज्वेलरी, वस्त्र, स्टेशनरी, कागज, घरेलू वस्तुएं, फर्नीचर, लाइटिंग, हेल्थ प्रोडक्ट्स, पैकेजिंग प्रोडक्ट, ऑटो पार्ट्स, यार्न, फेंगशुई आइटम्स, दिवाली एवं होली का सामान, चश्में, टेपेस्ट्री मैटेरियल आदि शामिल हैं।
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कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कैट के अभियान को स्पष्ट करते हुए कहा की वर्तमान में चीन से भारत द्वारा आयात लगभग 5 .25 लाख करोड़ अर्थात 70 बिलियन डॉलर वार्षिक का है । कैट ने प्रथम चरण में उन 3000 से अधिक वस्तुओं का चयन किया है जो भारत में भी बनती हैं लेकिन सस्ते के प्रलोभन में अब तक चीन से इन वस्तुओं का आयात हो रहा था। इन वस्तुओं के निर्माण में किसी प्रकार की कोई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता नहीं है इसलिए भारत में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग चीनी वस्तुओं के स्थान पर बहुत आसानी से हो सकता है और भारत इन वस्तुओं के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को काफी कम कर सकता हैं।