इटली के रोम और कई अन्य शहरों में हजारों फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित “लेट्स ब्लॉक एवरीथिंग” राष्ट्रव्यापी हड़ताल का हिस्सा था। प्रदर्शनकारी काले कपड़े पहने हुए थे और हाथों में फिलिस्तीनी झंडे और “फिलिस्तीन को आजाद करो” जैसे पोस्टर लिए हुए थे।
पुलिस ने रोम के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने खिड़कियां तोड़ी और पुलिस पर कुर्सियां फेंकी, जिससे 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए और 10 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए। मजदूरों ने भी बंदरगाहों को ब्लॉक कर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
वेनिस में पुलिस ने बंदरगाह पर पानी का इस्तेमाल कर विरोध को रोका। जेनोआ, लिवोर्नो और ट्राइस्टे के बंदरगाहों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए। बोलोग्ना में नेशनल हाइवे ब्लॉक हो गया और पुलिस के साथ झड़प हुई। रोम में हजारों लोग रेलवे स्टेशन के बाहर जमा हुए और मार्च निकालते हुए रिंग रोड को ब्लॉक कर दिया। नेपल्स में प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिससे ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं।
इसी समय, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से राज्य का दर्जा देने की घोषणा की। कई अन्य देशों ने भी संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बनाई। हालांकि, इज़राइल ने इस कदम की आलोचना की और इसे हमास के लिए “इनाम” बताया।
इटली गाजा विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग शामिल हुए और हिंसक झड़पों के बीच प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की।
