दिल्ली वेब डेस्क: भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी महिला सुरक्षा कानून की पेचीदगियां लोगों की मुसीबत का सबब बन गई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून उन्हें देश में सामाजिक और लैंगिग असमानता के कई मामलों से बचाता है। उनके अधिकारों की रक्षा करता है। ताकि पीड़ित महिलाएं लोगों के जुल्म-सितम से बच सके। लेकिन कुछ महिलाएं ऐसे कानून का गलत फायदा उठा कर कई लोगों से पर्सनल दुश्मनी भी निकालती है, आरोपी जता कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर देती हैं।
ऐसे ही मामले में एक महिला ने 18 साल बाद अपनी असलियत जाहिर की है। अब जाकर आई उसकी स्वीकारोक्ति से लोग हैरत में है। दरअसल, उसके झूठे आरोपों से 3 होनहार खिलाड़ियों का भविष्य चौपट हो गया था।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी में क्रिस्टल मैंगम नाम की एक महिला ने तीन लैक्रोस खेल के खिलाड़ियों पर रेप का झूठा इल्जाम लगाया था। अमेरिका में इन खिलाड़ियों पर रेप का इल्जाम 13 मार्च 2006 को लगा था। यूनिवर्सिटी के इन तीन खिलाड़ियों ने एक पार्टी में डांस करने के लिए क्रिस्टल मैंगम को बुलाया था.
परफॉर्मेंस के बाद, मैंगम ने आरोप लगाया कि तीन खिलाड़ियों- डेविड इवांस, कोलिन फिनर्टी और रीड सेलिगमैन ने उनके साथ रेप किया और उसके साथ जबरदस्ती की. एक इंटरव्यू बीते महीने ‘उत्तरी कैरोलिना सुधारात्मक महिला संस्थान’ में रिकॉर्ड किया गया, जहां सजा काट रही क्रिस्टल ने बताया कि मैंने उन तीनों लोगों पर रेप के झूठे आरोप लगाए थे, उम्मीद है कि वो मुझे माफ कर देंगे। उनके इस बयान के बाद व्यापक प्रतिक्रिया सामने आ रही है।