डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुए अरब और इस्लामी देशों के सम्मेलन की ख़ासी चर्चा हो रही है. सम्मेलन को ग़जा और लेबनान में इसराइली सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए ट्रंप पर दबाव डालने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
इस सम्मेलन में जब अरब लीग और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन की संयुक्त बैठक में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद बोलने के लिए उठे, तो तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप्प अर्दोआन की कुर्सी पर उनकी जगह उनका प्रतिनिधि था. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ अर्दोआन और असद सम्मेलन में हिस्सा ले रहे नेताओं की सामूहिक तस्वीर खींचे जाने के वक़्त भी एक साथ खड़े नहीं थे. अर्दोआन ने संयुक्त बैठक में अपनी कुर्सी पर अपने प्रतिनिधि के होने पर स्पष्टीकरण दिया है. अरबी अख़बार अशार्क अल अवसात के मुताबिक़ उन्होंने कहा कि वो बैठक से उठकर नहीं गए थे. उस वक़्त उनका सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान से मिलने का कार्यक्रम तय था. इसलिए उन्हें जाना पड़ा.
तुर्की के पत्रकार राइप सोयलु ने बशर अल-असद के भाषण के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति की कुर्सी पर उनके प्रतिनिधि के होने का वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा है, ”रियाद में इस्लामिक देशों के समिट में जब सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने बोलना शुरू किया, तो अर्दोआन उठकर चले गए. वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि उनकी जगह तुर्की का कोई प्रतिनिधि बैठा है. अर्दोआन और असद के बीच कोई बातचीत में प्रगति होती नहीं दिख रही है.”
राइप ने अपने ही पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा है, ”अर्दोआन का कहना है कि असद के विरोध में वह उठकर नहीं गए थे, बल्कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से उनकी बातचीत होनी थी, इसलिए उन्हें जाना पड़ा था.” अर्दोआन ने समाचार एजेंसी अनादोलु से कहा, ”मुझे अब भी असद से उम्मीद है. हम अब भी साथ आ सकते हैं. तुर्की और सीरिया के संबंध फिर से पटरी पर आ सकते हैं.” अर्दोआन ने कहा, ”हमने संबंधों को सामान्य करने के लिए सीरिया की ओर हाथ बढ़ाया है. हमारा मानना है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य हो जाने से सीरिया में शांति का दरवाज़ा खुलेगा.”
अर्दोआन ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और उससे जुड़े सीरियाई कुर्दों के समूहों का हवाला देते हुए कहा, ”हम सीरिया की अखंडता के लिए ख़तरा नहीं है. दरअसअल आतंकवादी और ख़ास तौर पर पीकेके, पीवाईडी और वाईपीजी जैसे आतंकवादी संगठन सीरिया की अखंडता के लिए ख़तरा हैं.” अर्दोआन ने कहा कि मध्य-पूर्व में फ़िलहाल जो तनाव है, उसे देखते हुए तुर्की से समझौता सीरिया के हित में रहेगा.
अर्दोआन ने कहा, ”हमारे पड़ोस मे इसराइल का ख़तरा कोई काल्पनिक कहानी नहीं है. हमें ये नहीं भूलना चाहिए तनाव वाले इलाक़ों से होकर अस्थिरता और तेज़ी से फैलती है.” अर्दोआन से जब पूछा गया कि हाल में सीरिया पर किए गए तुर्की के हमले के बारे में आप क्या कहेंगे. इस पर उन्होंने कहा, ”सीमा के आर-पार सहयोग हमेशा हमारे एजेंडे में रहा है.”