मध्यप्रदेश में अब नहीं होगा आईफा अवॉर्ड, 700 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में स्थानांतरित, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वीकृत की थी रकम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोले – नहीं होगा तमाशा, कोरोना पर होगा खर्च

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भोपाल वेब डेस्क / मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईफा को तमाशा बताते हुए इसके लिए जुटाई गई 700 करोड़ की रकम मुख्यमंत्री राहत कोष में डाल दी है | उन्होंने आईफा को तमाशा करार देते हुए कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है | प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस आयोजन के लिए जुटाई गई राशि को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि आईफा तो पहले ही तमाशा था, इसकी जरूरत क्या थी। उन्होंने कहा कि पहले समाचार आया कि 40 करोड़ लगेंगे। आईफा के लिए कुछ लोग पैसा दे रहे थे, मेरा साफ कहना है कि वे कोरोना के संकट से निपटने के लिए पैसा दें। वो जो पैसा देंगे, उसे हम कोरोना की जंग से लड़ने में खर्च करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा के सभी विधायकों ने तया किया कि वह एक वर्ष तक तीस फीसदी कम वेतन लेंगे। उन्होंने अपील की कि अन्य दलों के विधायकों भी इसी तरह कम सैलरी लेने का निर्णय करें।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम विधायक निधि में भी संशोधन कर रहे हैं अब जो भी विधायक चाहेगा वह विधायक निधि का उपयोग कोरोना संकट से लड़ने में कर सकेंगे। कलेक्टर को बताकर विधायक जो काम कोरोना संकट से निपटने में अपेक्षित समझेंगे, उसमें विधायक निधि का पैसा उपयोग में ला सकेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए मैंने पूर्व सीएम उमा भारती, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से चर्चा की है और उनके सुझाव मांगे हैं। सभी ने अपने सुझाव दिए हैं। उस पर अमल किया जा रहा है |