सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ सरकार की उस अपील को खारिज कर दी है, जिसमें हाईकोर्ट से जमानत देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन पीठ जस्टिस बीआर गवई और हीमा कोहली ने कहा कि हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर शर्तों के साथ जमानत दी है, जिस पर हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।
राज्य शासन ने कहा- जीपी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं
इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहोतगी ने कहा कि, जीपी सिंह उच्च पद के अधिकारी हैं। ऐसे में वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले भी राहत नहीं दी थी। लिहाजा, उनकी जमानत को खारिज किया जाए।

12 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती
बीते 12 मई को हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक तिवारी ने आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार IPS और सस्पेंड ADG जीपी सिंह की जमानत याचिका को स्वीकार किया था। हाईकोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने उन्हें रायपुर से बाहर रहने के साथ ही मीडिया से बातचीत नहीं करने और गवाहों से संपर्क नहीं करने की शर्तें रखी है।
