छत्तीसगढ़ में डीजीपी बदले जाने की फ़िलहाल नहीं है कोई संभावना , भरोसेमंद पुलिस मुखिया है अवस्थी , सोशल मीडिया में जल्द डीजीपी बदले जाने की खबर हो रही है वायरल

0
9

रायपुर / डीजीपी डीएम अवस्थी के बदले किसी दूसरे अफसर को मौका दिए जाने की चर्चा काफी गरम हो रही है, जबकि इस मामले में प्रदेश के मुखिया का रूख बिल्कुल स्पष्ट है और वे फिलहाल पुलिस महकमे के शीर्ष स्तर पर किसी तरह के परिवर्तन के मूड में नहीं हैं। ग्रेंड न्यूज ने इस बात की पुष्टि प्रदेश के शीर्ष स्तर पर की है, जिनके हवाले से इस बात को पूरे दावे के साथ कहा जा सकता है कि डीजीपी की कमान डीएम अवस्थी के हाथों में ही रहेगी। प्रदेश में कुछ सीनियर आईपीएस अफसर हैं, जिन्हें एडीजी से डीजी प्रमोट कर दिया गया है, जिसमें आरके विज और अशोक जुनेजा का नाम शामिल हैं।

ये भी पढ़े :छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शहीदों के शौर्य का किया गया प्रदर्शन,शहीद स्मृति दिवस पर शहीदों की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन,शहीदों के फोटो में पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजली,देंखे वीडियो

वहीं इनके सेवानिवृत्त होने का समय भी अब काफी करीब आ चुका है। डीजीपी अवस्थी प्रदेश के उन सीनियर आईपीएस अधिकारियों में से हैं, जिन्हें करीब 4 साल पहले डीजी प्रमोट किया गया था, और उन्हें स्पेशल डीजी, नक्सल आॅपरेशन की कमान सौंपी गई थी। डीजीपी अवस्थी प्रदेश के उन आईपीएस अफसरों में शुमार हैं, जिन्होंने लाॅ एंड आर्डर से लेकर नक्सल मोर्चे तक में विशेष भूमिका का निर्वहन किया है, इसके साथ ही सियासी दखलांदाजी से हमेशा दूर रहने वाले डीजीपी अवस्थी कभी भी किसी विवाद में नहीं घिरे हैं। जिसकी वजह से भूपेश सरकार ने डीजी अवस्थी को डीजीपी का दायित्व सौंपा है।

ये भी पढ़े :प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए एक्शन में केंद्र सरकार, राज्यों से कहा – बफर स्टॉक से उठाएं प्याज

डीजीपी अवस्थी ने 19 दिसंबर 2018 को अपना कार्यभार ग्रहण किया था, इस लिहाज से इस दिसंबर में उन्हें दो साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद बात सरकार पर निर्भर करती है, कि डीजीपी के पद पर वर्तमान अफसर की निरंतरता बरकरार रखी जाए अथवा नहीं। तो इस पर भी किसी तरह का सवाल नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए उन पर भरोसा व्यक्त किया है। इसके साथ ही अपने मातहत अधिकारियों के साथ उनके व्यवहार को लेकर किसी तरह की शिकायत कभी भी सामने नहीं आई है। ऐसे में परिवर्तन का सवाल बेबुनियाद ही नजर आता है।