Friday, September 20, 2024
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कर्नाटक सरकार के कैब‍िनेट व‍िस्‍तार में फंसा पेच! कांग्रेस आलाकमान से फि‍र म‍िलेंगे स‍िद्धारमैया-श‍िवकुमार, आज लग सकती है नामों पर मुहर

बेंगलुरु : कर्नाटक के नए मुख्‍यमंत्री और उप-मुख्‍यमंत्री के शपथ लेने के बाद मंत्र‍िमंडल व‍िस्‍तार को लेकर कवायद तेज हो गई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार बुधवार शाम नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे. जहां उनकी कांग्रेस आलाकमान से मिलकर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन पर चर्चा करने की संभावना है. मुख्यमंत्री के आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, सिद्धारमैया विशेष विमान से शाम साढ़े छह बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे. वह रात में राष्ट्रीय राजधानी में ही रुकेंगे.

बताते चलें क‍ि आज कर्नाटक व‍िधानसभा के अध्‍यक्ष का भी चुनाव होना है. कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके कांग्रेस पार्टी के वर‍िष्‍ठ नेता और 2008 से लगातार जीत दर्ज कर रहे व‍िधायक यूटी अब्‍दुल खादर अली फरीद को कर्नाटक व‍िधानसभा का नया अध्‍यक्ष बनाया जाएगा. यूटी खादर ने कल व‍िधानसभा अध्‍यक्ष के ल‍िए अपना नामांकन पर्चा दाख‍िल क‍िया था.

वहीं, शिवकुमार के कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री भी दिल्ली दौरे पर जाएंगे. हालांकि, सिद्दरमैया और शिवकुमार के दिल्ली दौरे का विवरण मीडिया से साझा नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के मौजूदा मंत्रियों को विभागों के आवंटन और मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर कांग्रेस आलाकमान से मिलने की संभावना है.

कर्नाटक में सिद्दरमैया और शिवकुमार ने 20 मई को आठ मंत्रियों के साथ क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, इन मंत्रियों को अभी विभागों का आवंटन नहीं किया गया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने पिछले हफ्ते शपथ ग्रहण समारोह से पहले दिल्ली में हुई बैठक में आठ मंत्रियों की पहली सूची को मंजूरी दी थी, जबकि पहले मंत्रिमंडल में बड़ी संख्या में विधायकों को शामिल किए जाने की योजना है.

सूत्रों ने बताया कि चर्चा के दौरान कुछ नामों को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित रूप से मतभेद होना इसकी मुख्य वजह है. नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन और एक ऐसे मंत्रिमंडल का गठन, जिसमें सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और नई व पुरानी पीढ़ी के विधायकों को प्रतिनिधित्व हासिल हो, सिद्धारमैया के लिए काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है. इसे देखते हुए कई नेता मंत्री बनने की होड़ में शामिल हैं.

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