आजमगढ़ / सरकारी और सामाजिक प्रयासों के बावजूद दहेज़ का दंश आज भी लड़कियों की जिंदगी से खेल रहा है। कई घर परिवारों की खुशियां उस समय छीन जा रही है जब वर पक्ष अचानक मोटे दहेज़ की मांग पर उतर जाता है। यह मांग भले ही वधु पक्ष की हैसियत से कोसो दूर हो लेकिन दहेज़ लोभियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का है। यहाँ एक हैरान करने वाली घटना सामने आयी है। बताया जाता है कि मनमाफिक दहेज़ नहीं मिलने की खबर लगने के बाद दूल्हे ने शादी से इंकार कर दिया।
जानकारी के मुताबिक वधु पक्ष ने अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दूल्हे के लिए कुछ रुपये, सोने की चैन आदि का प्रबंध तो किया था लेकिन वे मोटर बाइक नहीं खरीद पाए। इसकी खबर जब दूल्हे को लगी तो वो इतना नाराज हुआ कि बारात लेकर दुल्हन के घर नहीं गया। मामले को देखते हुए फ़ौरन लड़की वाले उल्टे पांव दूल्हे के घर जा पहुंचे।
उन्होंने वर पक्ष को समझाया बुझाया। इसके बावजूद भी दूल्हा शादी के लिए राजी नहीं हुआ। मौके पर वाद विवाद और लेन-देन के मामले को बिगड़ता देखकर पीड़ित पक्ष ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में ले आया।जानकारी के मुताबिक आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के समेंदा गांव के रहने वाले युवक की शादी अम्बेडकर नगर जिले के चकिया गांव में एक युवती से तय हुई थी।
बताया जाता है कि शादी में एक लाख 30 हजार रुपये नकद देने पर रजामंदी हुई। दुल्हन पक्ष ने वर पक्ष को एक लाख रुपये शादी की से पहले ही दे दिए। तीस हजार रुपये बाकी थे जिसे वधू पक्ष ने शादी में देने का वादा किया।वर पक्ष के लोगों ने शादी के दिन से ठीक तीन दिन पहले बाइक के रूप में पचास हजार नकद और सोने की चैन मांगी। वधू पक्ष का कहना है कि उन्होंने इसके लिए हामी भर दी कि शादी के मंडप में सब दे दिया जायेगा |
बावजूद इसके दहेज लोभी वर पक्ष 11 दिसम्बर को वधू पक्ष के दरवाजे पर बारात लेकर नहीं पहुंचा जिसके बाद 12 दिसम्बर को वधू के साथ परिजन समेंदा गांव में सुदामा राजभर के घर धमक पड़े। वधू पक्ष ने साफ कर दिया कि वे किसी भी हाल में दहेज लोभी के घर शादी नहीं करेंगे | उनके मुताबिक समझौता तभी होगा जब उनके दिये गये रुपये और शादी का खर्च वर पक्ष वापस देगा. इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए स्थानी पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत पर वर पक्ष के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया है।