US News : जीने का जज्बा हो तो कोई भी आपको हरा नहीं सकता. भले ही वह यमराज ही क्यों न हो. एक महिला जो कई दिनों तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रही. उसके सारे अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे. कह दिया था कि अगर कल तक कुछ संकेत नहीं मिले तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी हटा देंगे. इसका मतलब मौत… लेकिन चमत्कार हुआ. महिला यमराज से लड़कर लौट आई. और आप जानकर हैरान होंगे कि जहां छोटी सी बीमारी में भी लोग महीनों आराम करते हैं. इस महिला ने महज पांच महीने में खुद को ऐसा बना लिया कि आज वह मैराथन में दौड़ी. पूरी दुनिया में उसके जज्बे की तारीफ हो रही है.
मामला अमेरिका का है. 35 साल की राचेल फोस्टर नवंबर 2022 में इलेक्ट्रिक स्कूटर से गिर गईं. उनके मस्तिष्क में काफी गंभीर चोट लगी. उनकी तमाम हड्डियां टूट गईं. ऐसा लगा कि उनकी मौत हो गई है.10 दिन तक वह कोमा में रहीं. ओक्लाहोमा अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. राचेल के पति जॉन ने कहा-हमें डॉक्टरों ने बताया कि मस्तिष्क में गंभीर चोट है.एक ऐसी चोट जो कभी इंसान को वापस आने का मौका नहीं देती.उन्होंने में आगाह कर दिया कि अगर आज कुछ संकेत नहीं मिले तो हमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाना होगा.
अचानक खुली आखें
जॉन ने बताया-तभी चमत्कार हुआ. अचानक उसकी आंखें खुल गईं. वह जिंदा थी. डॉक्टर भी देखकर हैरान हो गए. क्योंकि इस तरह की चोट से लौटना नामुमकिन था. आखिर यह कैसे हो गया? डॉक्टरों ने इलाज किया. कहा-करीब एक साल तक इन्हें आराम की जरूरत होगी. लेकिन राचेल हार मानने वालों में से नहीं थीं. करीब एक महीने बाद ही उसने कहा-मुझे बोस्टर मैराथन में दौड़ना है. आप जानकर हैरान होंगे कि 22 जनवरी तक तो वह चल फिर भी नहीं पा रही थी.
पदक के साथ पूरा किया सफर
फिर अटलांटा के शेफर्ड सेंटर में सर्जरी करवाई. रिहैबिलिटेशन सेंटर में महीनों बिताए और आखिरकार वह दिन आ गया जिसका इंतजार था. 17 अप्रैल को वह बोस्टन मैराथन में दौड़ी. रेचेल ने अपने रनिंग पार्टनर टिम अलटेनडॉर्फ के साथ 5 घंटे 44 मिनट में मैराथन पूरा किया. वह भी पदक के साथ. वह दूसरी बार बोस्टन मैराथन दौड़ रही थी, और कुल मिलाकर उनकी 10 वीं मैराथन थी. जॉन ने कहा, यह काल्पनिक कहानी जैसा लग सकता है लेकिन हम खुद इस घटनाक्रम को देखकर हैरान थे.