रिपोर्टर – राकेश शुक्ला
कांकेर / छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सलियों ने अपने साथियों की याद में कथित शहीद स्मारक बना रखा है। आमाबेड़ा इलाके के करमरी गांव में माओवादियों ने एक स्मारक बनाया है। ग्रामीणों के मुताबिक यह स्मारक 10 साल से भी ज्यादा समय से करमरी गांव में है लेकिन सुरक्षा बलों की नजर अब तक इस स्मारक पर नहीं पड़ी है। इससे ग्रामीणों के मन में नक्सलियों का खौफ पैदा हो गया है। नक्सली संगठन में कोई नक्सली नेता या उनके साथी की मौत हो जाती तो उसकी याद में स्मारक बनाते हैं। दूसरी ओर, सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश भी होती रहती है।
सरकार ने इसके लिए हजारों पुलिस जवान सहित एससबी , बीएसएफ , एसआईबी, सहित कई खुफिया दस्तों को आदिवासियों के लिए अभिशाप बन चुके नक्सलवाद खत्म करने लगाया के लिए गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि पिछले दस साल से भी अधिक समय से नक्सली स्मारक करमरी गांव के बीचोबीच खड़ा है और भारत के लोकतंत्र को चुनौती दे रहा है। जबकि नक्सलियों के इस स्मारक के पास ही साप्ताहिक बाजार और सरकारी स्कूल भी है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने इस स्मारक को तोड़ने पहल नही की है। जिसके कारण ग्रामीणों में माओवादियों का दहशत कायम है।