संसद का मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। सोमवार को सत्र के 11वें दिन भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी। लोकसभा में बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR (Special Summary Revision) के मुद्दे पर विपक्ष ने फिर से हंगामा किया। नतीजतन, लोकसभा की कार्यवाही पहले 2 बजे तक स्थगित की गई, लेकिन दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्ष का विरोध जारी रहा। अंततः सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वयोवृद्ध नेता शिबू सोरेन के निधन के कारण कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में उनके सम्मान में मौन रखा गया और उनके राजनीतिक जीवन पर श्रद्धांजलि दी गई।
लोकसभा में विपक्ष का हंगामा जारी
जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे दोबारा शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की और कहा, “जनता ने आपको कानून बनाने के लिए भेजा है, यह तीसरा हफ्ता है और अब तक कोई भी विधेयक पारित नहीं हो पाया है।” लेकिन उनकी अपील का असर नहीं हुआ।
राज्यसभा में श्रद्धांजलि के बाद स्थगित हुई कार्यवाही
राज्यसभा में झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। उपसभापति ने उनके योगदान को याद किया और सदस्यों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी गई।
संसद के मानसून सत्र का माहौल अब तक काफी हंगामेदार रहा है। बीते 10 दिनों में से 8 दिन किसी न किसी मुद्दे पर हंगामे की वजह से कामकाज नहीं हो पाया। SIR को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में भी जमकर विरोध जताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्षी सदस्यों को रोकने के लिए कमांडो बुलाए गए। इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सफाई देते हुए कहा कि कुछ सांसद आक्रामक हो गए थे, उन्हें ही रोका गया।
निष्कर्ष:
लगातार हंगामों के कारण मानसून सत्र में विधायी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जनता से जुड़े महत्वपूर्ण बिल लंबित हैं, लेकिन राजनीतिक गतिरोध के चलते संसद का बहुमूल्य समय बर्बाद हो रहा है। अब देखना होगा कि आगे के दिनों में सत्र सुचारु रूप से चल पाता है या नहीं।
