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संसद में महादेव ऐप्प घोटाले की असलियत उजागर, नौ सौ चूहे खा कर पूर्व मुख्यमंत्री चला हज पर, बघेल की सफाई, लोकसभा अध्यक्ष को लिखूंगा पत्र, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पत्र लेखन जोरो पर, देखे वीडियो…. » News Today Chhattisgarh
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संसद में महादेव ऐप्प घोटाले की असलियत उजागर, नौ सौ चूहे खा कर पूर्व मुख्यमंत्री चला हज पर, बघेल की सफाई, लोकसभा अध्यक्ष को लिखूंगा पत्र, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पत्र लेखन जोरो पर, देखे वीडियो….

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल महादेव ऐप्प सट्टा कारोबार के प्रमुख संचालकों में से एक है। राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने 6 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप्प घोटाले का मामला सदन में उठाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने सदन को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल खुद सट्टा कारोबार का संचालन कर रहे थे। महादेव ऐप्प घोटाले में ED और EOW पृथक – पृथक कार्यवाही में जुटा है। इस बीच राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने सदन में इसकी परते उखाड़ दी। उन्होंने भरी संसद में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के काले कारनामों से कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों को वाकिफ कराया। पांडे के बयानों के बाद राजनीति तेज हो गई है।

महादेव ऐप्प घोटाले से बचने के लिए बघेल ने नया पैतरा खेला है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बघेल ने अपने साथियों से मदद की गुहार लगाने के बाद बीजेपी पर हमला बोला है। बघेल ने एक वीडियो जारी कर बीजेपी सरकार पर ना केवल गंभीर आरोप लगाए, बल्कि महादेव ऐप्प सट्टे के कारोबार का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। बघेल की सफाई गौरतलब बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर बघेल को किनारा कर दिया गया है। कई वरिष्ठ कांग्रेसी उनके समर्थन के लिए मुँह मोड़ रहे है।

नतीजतन बघेल की सफाई बे नतीजा साबित हो रही है। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है, लिहाजा बघेल ने बीजेपी के खिलाफ अचानक अपने तेवर कड़े कर लिए है। बघेल की प्रेस वार्ता चर्चा में है। इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को ED ने धर – दबोचा था। हालांकि ज्यादातर को जमानत मिल गई। अभी भी लगभग आधा दर्जन आरोपी जेल की हवा खा रहे है। इसमें वो महत्वपूर्ण गवाह भी है, जो पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समेत आधा दर्जन आईपीएस अधिकारियों को प्रतिमाह लाखों रुपये चढ़ौत्तरी चढ़ाया करते थे। इनमे से एक पुलिस अधिकारी चंद्रभूषण वर्मा भी शामिल है।

आरोपी चंद्रभूषण वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के अलावा रायपुर के तत्कालीन एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, IG शेख आरिफ और IG इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा समेत कई ASP, DSP और थानेदारों को महादेव ऐप्प सट्टा कारोबार के संरक्षण के लिए हर माह 10 से 30 लाख रुपये का भुगतान करता था। आरोपी वर्मा के अलावा अन्य गवाहों ने भी स्वीकार किया है कि सरकारी संरक्षण खासतौर पर महादेव ऐप्प को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का भरपूर संरक्षण प्राप्त था। पुलिस के कई आलाधिकारी इस कारोबार में लिप्त थे।

उधर EOW ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है, जबकि दागी आईपीएस और पुलिस के अन्य अधिकारियों के खिलाफ अज्ञात में मामला दर्ज किया गया है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर अब चौतरफा शिकंजा कसने लगा है। उनके पुत्र चैतन्य बघेल के अलावा अन्य पारिवारिक सदस्य और कारोबारी भी एजेंसियों के निशाने पर है।

भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर उनका नाम, लाभार्थी सूची में सबसे ऊपर बताया जाता है। बताया जा रहा है कि महादेव ऐप्प घोटाले के संसद में उठने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की असलियत देश के सामने आ गई है। उधर संभावित वैधानिक कार्यवाही से बचने के लिए बघेल ने पत्र लेखन कला कौशल का परिचय देने का ऐलान किया है। एक वीडियो जारी कर बघेल ने बीजेपी सरकार पर तंज कसा है।

बघेल ने कहा कि वे अपना नाम संसद में उछाले जाने से हैरान है। जबकि उनके कार्यकाल में महादेव ऐप्प घोटाले पर कई FIR दर्ज की गई थी। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने बघेल के आरोपों की सत्यता की पड़ताल काफी पहले की थी। इसमें पाया गया था कि 6 हज़ार करोड़ के महादेव ऐप्प घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के अलावा उनके रिश्तेदार विनोद वर्मा पूरी तरह से लिप्त थे। इन्हे इसके एवज में प्रतिमाह करोड़ो प्राप्त होते थे।

विनोद वर्मा को प्रतिमाह मिलने वाली रकम रायपुर के कोटा में स्थित उनके निर्देशित स्कूल में सौंपी जाती थी। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को उनके ठिकाने – अड्डे तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास में पुलिस अधिकारी चंद्रभूषण वर्मा नगद रकम सौंपा करता था।

मुख्यमंत्री आवास के आवाजाही रजिस्टर और CCTV में आरोपी वर्मा के कई सबूत दर्ज है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में महादेव ऐप्प सट्टा कारोबार में गरीबों खासकर रिक्शा – हाथ ठेला चालकों और ऐसे ही बेहद सामान्य लोगो के खिलाफ जुआ सट्टा एक्ट में समस्त प्रकरण दर्ज कर थानों से ही हाथों – हाथ जमानत दे दी गई थी। पुलिस ने महज खानापूर्ति कर छोटी मछलियों को ही फांसा था।

ताकि बघेल के करीबी रिश्तेदारों और कारोबारियों को बचाया जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री के दबाव में पुलिस ने महादेव ऐप्प घोटाले की बड़ी मछलियों और मगरमच्छों को संरक्षण जारी रखा था। बताया जाता है कि ED की एंट्री के बाद कई बड़े सटोरिये और अधिकारियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की गई थी। 

संसद में महादेव ऐप्प घोटाले की गूंज ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उसके गिरोह की नींद उड़ा दी है। आरोपी बघेल संभावित कार्यवाही से बचने के लिए बीजेपी पर हमलावर रुख अपना कर दबाव बनाने में जुटे है। उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सफाई देने की पेशकश की है। बघेल की ये चाल कितनी कामयाब होगी, यह तो वक़्त ही बताएगा।

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फ़िलहाल बघेल को अपनी गिफ्तारी का भय सताने लगा है। माना जा रहा है कि राज्य की विष्णुदेव साय सरकार महादेव ऐप्प घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर गंभीर है। इस मामले में जल्द कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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