नई दिल्ली / चीन से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच फ्रांस से फिर 3 राफेल युद्धक विमान भारत पहुंचा। 3 नए राफेल विमानों के आने के बाद अब देश में इन विमानों की संख्या बढ़ कर 11 हो गयी है। 29 जुलाई, 2020 को 5 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंची थी। इसके बाद राफेल विमानों की दूसरी खेप पिछले साल 3 नवंबर 2020 को पहुंची थी। राफेल विमानों का ये तीसरी खेफ है।
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर कहा है कि ‘3 राफेल विमान भारतीय वायुसेना के अड्डे पर उतरे, इन विमानों ने 7 हजार किलोमीटर से अधिक की उड़ान भरी। इससे पहले फ्रांस के इस्त्रेस वायुसेना अड्डे से इन विमानों ने उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना यूएई वायुसेना की ओर से दी गयी टैंकर मदद की सराहना करती है।’ यूएई के टैंकर ने हवा में ही 3 राफेल विमानों में ईंधन भरने में सहायता की।
ये तीनों राफेल लड़ाकू विमान 7 हजार किलोमीटर से अधिक का सफर पूरा कर भारत पहुंचे हैं। रास्ते में UAE की वायुसेना द्वारा आसमान में ही इनमें फ्यूल भरा गया। भारतीय वायुसेना ने राफेल में फ्यूल भरने पर UAE की वायुसेना को धन्यवाद किया।
राफेल विमान के आने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में ऐसे समय में बढ़ोतरी होगी, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तीखा सीमा विवाद चल रहा है। राफेल विमान का निर्माण फ्रेंच कंपनी दसाल्ट एविएशन करती है। भारत ने करीब 23 साल के बाद लड़ाकू विमानों की प्रमुख खरीदारी की है। इसके पहले भारत ने रूस से सुखोई जेट का आयात किया था।
लगभग 4 साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले 36 विमानों को खरीदने के लिए एक अंतरसरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तीन नए विमानों के आने के बाद भारत के पास राफेल विमानों की संख्या 11 हो गई है।