नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पिछला हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. हालांकि, जून का आखिरी कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी ने बेहद मामूली सी बढ़त हासिल की. शुक्रवार को कारोबार बंद होने तक सेंसेक्स 0.34 फीसदी की बढ़त के साथ 52907 और निफ्टी 0.33 फीसदी बढ़कर 15752 पर बंद हुआ. पूरे जून महीने की बात करें तो सेंसेक्स में 4.5 फीसदी और निफ्टी में 4.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
बाजार ने पिछले हफ्ते रुपये की ऐतिहासिक गिरावट देखी. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की बिकवाली, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी और ढुलमुल वैश्विक संकेतों ने बाजार पर दबाव बनाए रखा. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पिछले हफ्ते घरेलू बाजार से 6836.71 करोड़ रुपये निकाल लिए. वहीं, समान अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5926 करोड़ रुपये की खरीदारी की. जून महीने में एफआईआई ने 58112 करोड़ रुपये की बिकवाली की तो डीआईआई ने बाजार में 46599 करोड़ रुपये डाले.
रुपये का रिकॉर्ड लो स्तर
रुपया पिछले हफ्ते डॉलर के मुकाबले 79 रुपये के स्तर को पार कर अपने अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया. रुपये ने 79.11 का अपना नया लो बनाया. सप्ताह के अंत में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.04 के स्तर पर बंद हुआ.
बाजार की आगे की चाल
शेयरखान के गौरव रत्नपानी कहते हैं कि बाजार ने पिछले हफ्ते शुरुआत अच्छी की थी लेकिन इस बढ़त को कायम नहीं रख पाया. उन्होंने कहा है कि अगर निफ्टी 15900-15600 के एरिया में जाता है तो बिकवाली देखने को मिलेगी और 15600-15500 के बीच जाने पर निवेशकों के पास खरीदारी का मौका होगा. उनका कहना है कि निफ्टी 15500-15900 की रेंज में रहेगा.
सेम्को सिक्योरिटीज के येशा शाह का कहना है कि अगले हफ्ते भी उतार-चढ़ाव कायम रहेगा. उन्होंने कहा है कि निवेशकों की नजर फेडरल ओपन मार्केट कमिटी के मिनट पर रहेगी और चीन के महंगाई के आंकड़े भी अगले हफ्ते आ सकते हैं. उनका कहना है कि निफ्टी के लिए 15930 बड़े ब्रेक के रूप में नजर आ रहा है और शॉर्ट टर्म गेन के लिए बाजार को यह बाधा तोड़नी होगी. टेक्निकल एनालिस्ट मनीष शाह ने भी कहा है कि बड़ी रैली के लिए निफ्टी को 15950-16000 के दायरे से बाहर निकलना होगा. उन्होंने कहा है कि एक बार निफ्टी 16000 के पार निकलता है तभी आक्रामक खरीदारी की सलाह दी जा सकती है.