दुर्ग / जिले में कोरोना संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। मंगलवार को पांच मरीज फिर मिले हैं। इनकी सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है। इधर विदेश से आए एक युवक को जानकारी के बाद भी नियमानुसार क्वांरटाइन नहीं किया गया। युवक के पिता डॉक्टर हैं। उन्होंने अपने बेटे को क्वारंटाइन में भेजने से साफ इनकार कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बैरंग लौट आई। अब बड़े अधिकारी भी एक दूसरे पर टाल रहे हैं। सेक्टर-9 भिलाई अस्पताल से सेवानिवृत्त डॉ. पीके बनेर्जी का पुत्र श्रीलंका में नौकरी करता है। वह कोलकाता होते हुए 6 जून को भिलाई आया।
इंटरनेशनल ट्रैवल की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहंची। टीम ने डॉक्टर से अनुरोध किया कि वे अपने पुत्र को 28 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहने के लिए भेजे। इस दौरन उनका घूमना फिरना बंद रहेगा। परिवार का कोई सदस्य उनसे न मिले। टीम के अनुरोध को डॉ. बनेर्जी ने यह कहते हुए साफ इनकार कर दिया कि उनका बेटा स्वस्थ है। खास बात यह है कि ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने या फिर क्वारंटाइन सेंटर से बिना अनुमति घर पहुंचकर परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ही कई लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करा चुका है।
वहीं विदेश प्रवास से आए व्यक्तियों द्वारा खुलेआम नियमों का उल्लंघन करने के नियम में प्रशासनिक अधिकारी खामोश हैं। जिला प्रशासन ने सक्षम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पेड क्वारंटाइन बनाया है। जिसकी संख्या दुर्ग-भिलाई में 14 है। जहां सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ठहरने व भोजन उपलब्ध कराने के एवज में प्रशासन द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जाता है। इसमें कुछ होटल और मांगलिक भवन शामिल हैं। वर्तमान में पेड क्वारंटाइन में 18 लोग है। पेड क्वारंटाइन में रहने वालों के लिए नान एसी रुम के लिए प्रति सप्ताह 4900 रुपए निर्धारित है। इसी तरह एसी रुम के लिए 8400 निर्धारित है।