Science News: अगस्त के महीने में सूर्य की सतह पर सनस्पॉट की संख्या ने 23 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. नया डेटा बताता है कि वैज्ञानिकों के सभी अनुमान गलत साबित हुए है। अगस्त 2024 में सूर्य पर जितने काले धब्बे दिखने की उम्मीद थी, उसके दोगुने से ज्यादा धब्बे नजर आए. यह उस बात का साफ संकेत है कि सूर्य अपने विस्फोटक चरम यानी ‘सौर अधिकतम’ से गुजर रहा है. यह सूर्य के 11-वर्षीय सौर चक्र के दौरान सबसे अधिक सौर गतिविधि वाला समय होता है.
सनस्पॉट, सूर्य की सतह पर मौजूद वे क्षेत्र होते हैं जहां इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन तारे की मैग्नेटिक फील्ड में सेंध लगा देता है. मैग्नेटिक एनर्जी मुक्त होने पर एक विशाल विस्फोट होता है जिसे सौर ज्वाला कहते हैं. इन क्षेत्रों का तापमान बाकी सतह के मुकाबले कम हो जाता है. धरती से देखने पर सनस्पॉट, सूर्य की सतह पर काले धब्बे जैसे नजर आते हैं. वैज्ञानिक सनस्पॉट, सौर ऊर्जाओं तथा कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) के आकार और फ्रीक्वेंसी से तय करते हैं कि सूर्य अपने 11 वर्षीय सौर-चक्र में कहां पर है.
सौर न्यूनतम या solar minimum, सौर-चक्र का सबसे निष्क्रिय दौर होता है. इस चरण में बेहद कम या नहीं के बराबर सनस्पॉट दिखते हैं. वर्तमान सौर चक्र (सौर-चक्र 25) की शुरुआत से पहले, 2019 के आखिरी दिनों में, लगातार 40 दिन ऐसे रहे थे जब कोई सनस्पॉट नहीं दिखा.
जैसे-जैसे सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर होता जाता है, सनस्पॉट या सौर धब्बों की संख्या तेजी से बढ़ती जाती है. यह सौर अधिकतम या solar maximum के दौरान चरम पर पहुंच जाती है. इस सक्रिय चरण के दौरान, सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र आखिरकार टूटकर पूरी तरह से पलट जाता है. इससे सौर गतिविधि में गिरावट आती है और पूरे चक्र के फिर से शुरू होने तक सौर धब्बों में कमी आती है.
स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) के अनुसार, अगस्त में सूर्य की सतह पर औसतन 215.5 डेली सनस्पॉट दिखे. पिछली बार एक महीने में सनस्पॉट की संख्या इतनी अधिक सितंबर 2001 में थी. तब सौर चक्र 23 के सौर अधिकतम के दौरान औसत 238.2 था. 8 अगस्त 2024 को सबसे ज्यादा 337 सनस्पॉट देखे गए जो कि मार्च 2001 के बाद 24 घंटों के भीतर सनस्पॉट की सबसे बड़ी संख्या है. अगस्त में रिकॉर्ड सनस्पॉट का देखा जाना इशारा करता है कि हम सौर अधिकतम में प्रवेश कर चुके हैं. लेकिन इसकी पुष्टि तभी हो सकेगी जब सनस्पॉट की संख्या घटने लगेगी. वर्तमान सौर चक्र 2020 में शुरू हुआ था.
सूर्य पर सनस्पॉट की संख्या बढ़ना ही सोलर मैक्सिमम का संकेत नहीं है. मई की शुरुआत में, पृथ्वी को 21 से भी ज्यादा सालों के सबसे ताकतवर जियोमैग्नेटिक तूफान का सामना करना पड़ा. ग्रह के कई हिस्सों में बेहद विशाल ऑरोरा देखने को मिले. कुछ दिन बाद ही, सूर्य की सतह से X8.7 सौर ज्वाला निकली जो 2017 के बाद का सबसे ताकतवर विस्फोट था. सौर अधिकतम एक से दो साल या उससे अधिक समय तक रह सकता है. दूसरे शब्दों में, इस बात की अच्छी संभावना है कि अगले 12 महीनों के दौरान, सौर गतिविधि में तेजी जारी रहेगी.