छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन की घोटालेबाजी का सिंगल विंडों प्रोग्राम छह महीने पहले ही तय हो चूका था , दस्तावेजी खुलासा , भ्रष्ट्राचार की नींव रखने वाले आईएएस अधिकारी की DOPT और सेंट्रल विजिलेंस को शिकायत 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के जरिये 15 सौ करोड़ रूपये से ज्यादा की सरकारी जमीन को कौड़ियों के दाम ठिकाने लगाने की साजिश करीब छह माह पहले रची गई थी | इसके दस्तावेजी प्रमाण न्यूज़ टुडे को मिले है | पुख्ता जानकारी के मुताबिक भ्रष्ट्राचार की एक बड़ी साजिश के जरिये जिम्मेदार अफसरों ने राज्य सरकार को मात्र 168 करोड़ रूपये सौंपकर लगभग 17 सौ करोड़ की बाजार भाव वाली सरकारी जमीन को एक प्रभावशील नेता जी के भाई को सौंपने की तैयारी की थी | इस जमीन को ठिकाने लगाने के लिए आईएएस अधिकारी और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर डॉ.अयाज तंबोली की कार्यप्रणाली सुर्खियों में है | दस्तावेजों से पता पड़ रहा है कि इस साजिश को काफी पहले से ही अंजाम दिया जा रहा था |

दस्तावेज बताते है कि रायपुर के ह्रदय स्थल शांति नगर की बेशकीमती सरकारीजमीन को पीपीपी मॉडल के तहत निजी बिल्डर के हाथों सौंपे जाने के लिए रुपरेखा को इसी साल अगस्त माह में हाउसिंग बोर्ड की मंडल बैठक में मंजूरी दी गई थी | इस बैठक में कुछ खास लोग ही शामिल थे | जबकि इस मामले को नवंबर माह के आखिरी हफ्ते में दोबारा शासन के समक्ष रखा गया | यह बैठक PWD मंत्री के सरकारी आवास में आहूत की गई थी | इस बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री और वन व पर्यावरण मंत्री खुद मौजूद थे | 

सवाल उठाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड राज्य का सबसे बड़ा रियल स्टेट कारोबारी संस्थान है | वो लोगों को सामान्य और रियायती दरों पर आवास और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स उपलब्ध कराता है | उसके पास तकनिकी और निर्माण कार्यों से जुडी एक बड़ी टीम भी है |  इस सबके बावजूद पीपीपी मॉडल को मंजूरी देकर किसी निजी बिल्डर के हाथों शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना को सौंपे जाना किसी बड़े आर्थिक घोटाले की ओर इशारा करता है | लोगों का मानना है कि राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए | 

FILE IAMGE

उधर भ्रष्ट्राचार की सिंगल विंडों को लेकर हाऊसिंग बोर्ड के कमिश्नर डॉ अयाज तंबोली को अन्य दो संस्थाओं रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ और नई राजधानी एनआरडीए के भी सीईओ की कुर्सी सौंपे जाना चर्चा में है | जानकार इस पदस्थापना को पारदर्शितापूर्ण और प्रशासिनक लहजे से अनुपयुक्त बता रहे है | उनकी दलील है कि इस बड़े घोटाले के लिए मिलने वाली एनओसी को लेकर इस तरह की पदस्थापना की गई है | इसके तहत हाऊसिंग बोर्ड के कमिश्नर डॉ अयाज तंबोली एनआरडीए के सीईओ डॉ अयाज तंबोली को एनओसी जारी करेंगे | जबकि आरडीए के सीईओ डॉ अयाज तंबोली हाऊसिंग बोर्ड के कमिश्नर और एनआरडीए के सीईओ डॉ अयाज तम्बोली को एनओसी देंगे | ये है न भ्रष्ट्राचार की सरलता के लिए थ्री विंडों की सिंगल विंडों में तबदीली | बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर सुर्खियों में आए डॉ अयाज तंबोली की DOPT में भी शिकायत की गई है |