रायपुर/दिल्ली : कांग्रेस के हौसले बुलंद है, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली जर्बदस्त जीत से उत्साहित कांग्रेस पार्टी अब कड़े फैसले की ओर बढ़ रही है ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की रीति नीति को जगजाहिर किया जा सके। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री निवास में मंगलवार सुबह से रायशुमारी का जारी दौर निर्णायक मोड़ पर है।
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राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए कांग्रेस नए मुख्यमंत्री की तलाश में जुट गई है। बताया जाता है कि अचानक रायपुर पहुंची पार्टी प्रभारी कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज का आंकलन करने के बाद आलाकमान की मंशा और फैसलों से उन्हे अवगत करा दिया है।
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सूत्र दावा कर रहे हैं कि सीएम पद की रेस में अव्वल नंबर पर सीएम इन वेटिंग टी. एस. सिंहदेव ही हैं।
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जबकि दूसरे नंबर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और चरणदास महंत के बीच जोर आजमाईश का दौर जारी है।
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सूत्र यह भी बताते हैं कि तीनो नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। ताकि नए मुख्यमंत्री को लेकर सर्वमान्य फैसला लिया जा सके।
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बताते है कि बघेल भी अपनी कुर्सी बचाने में जोरशोर से जुटे हुए है। जानकारी के मुताबिक पार्टी प्रभारी कुमारी शैलजा दो दिन पहले ही प्रदेश के ताजा राजनैतिक हालचाल का जायजा लेकर रायपुर से दिल्ली पहुंची थी। इसके दो दिन बाद उलटे पाँव उनका रायपुर पुनरागमन चर्चा का विषय बना हुआ है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके परिजनों के ही घोटालों में शामिल होने के प्रमाण सामने आने के बाद कांग्रेस आलाकमान पर भी उंगलियां उठने लगी है।
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सूत्र बताते हैं कि ED और CBI कि छापेमारी के बाद कांग्रेस पार्टी के कुछ चुनिंदा नेताओें से भी एजेंसियां पूछताछ कर सकती हैं। ऐसे नेताओं में प्रियंका गांधी,राहुल गांधी, के अलावा पी.एल.पुनिया और उनके नेतापुत्र का नाम भी सामने आ रहा है।
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कोयला माफिया सूर्यकांत तिवारी के जरिए उपकृत होने वाले पार्टी के नेताओं में प्रदेश प्रवक्ता आर. पी. सिंह, युवा इंका नेता विनोद तिवारी, मेयर एजाज ढेबर,विधायक देवेन्द्र यादव,विधायक चंद्रदेव राय,विधायक अग्नि चंद्राकर, समेत मुख्यमंत्री की टोली में शामिल आधा दर्जन से ज्यादा प्रभावशील नेताओं के नाम शामिल है। इन सभी नेताओ से एजेंसियां पूछताछ कर चुकी है।
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घोटालो और भ्रष्टाचार के मामलो में एजेंसियों ने अदालत में दस्तावेजी प्रमाण दाखिल कर राजनीति के अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के सुनियोजित मॉडल और तथ्यों से अदालत को अवगत कराया है,इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुसीबत बढ़ गई है।बताते हैं कि अब आलाकमान की ओर बढ़ते एजेंसियों के कदमों से कांग्रेस पार्टी सतर्क हो गई है।
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दरअसल आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री बघेल और उनके परिजनों से ED पूछताछ के साथ बड़ी कार्यवाही कर सकती है,अंदेशा यही जाहिर किया जा रहा है।
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लिहाजा पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री बघेल से किनारा करना शुरू कर दिया है।
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जानकारी के मुताबिक CM हाउस में घंटो चली बैठक में कुमारी शैलजा के तेवर काफी कड़े थे। उन्होंने PSC घोटाले के तथ्यों से भी कांग्रेस संगठन से रिपोर्ट मांगी है।
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बताते है कि राज्य में नेत्तृव परिवर्तन की बयार बहने लगी है, देखना गौरतलब होगा कि मुख्यमंत्री बघेल अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पायेंगे या फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की मुहीम आने वाले दिनों कमजोर पड़ जाएगी।