पुलिस जिसे विक्षिप्त-पागल समझ रही थी , निकला एमटेक टॉपर , पीएचडी के दौरान खोया मानसिक संतुलन , पुलिस की मानवीय पहल , पीड़ित शख्स को भेजा गया गृह नगर उड़ीसा के रायगढ़ा , भिलाई शहर में लावारिस घूमकर समय व्यतीत कर रहे शख्स से बातचीत के बाद लोगों ने किया पुलिस के हवाले 

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भिलाई। भिलाई शहर में एक शख्स लावारिश घूमकर अपना समय व्यतीत करता था | कुछ लोग उसे खाना दे दिया करते थे | कई बार तो यह शख्स भूखा ही रह जाता | दुकानों के इर्द गिर्द और बाजारों में जहां जगह मिले वहां सो जाता | यही उसकी शरणस्थली और रैन बसेरा था | अक्सर यह व्यक्ति बड़बड़ाते मिलता था | लेकिन जब कोई उससे बात करता तो कभी कभी सामान्य भी रहता | फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता , तो कभी फिजिक्स के फार्मूले भी बताता | लॉकडाउन के दौरान इस शख्स की काफी दुर्दशा हुई | उसे कोई खाने पीने के लिए नहीं पूंछता |

 लॉकडाउन के दौरान भिलाई पावर हाउस क्षेत्र में यह विक्षिप्त व्यक्ति अक्सर घूमते देखा जाता था | इस दौरान गश्त पर निकली छावनी पेट्रोलिंग टीम की नजर उस पर पड़ी। पूछताछ करने पर इस व्यक्ति ने कुछ भी नहीं बताया | मानवीयता का परिचय देते हुए पुलिस कर्मियों ने उसके भोजन और आश्रय की व्यवस्था की | पुलिस कर्मियों ने धीरे धीरे इससे मेलजोल बढ़ाया | पुलिस कर्मियों के विश्वास में आकर इस शख्स ने उससे बातचीत शुरू की | दोनों की बातचीत में पुलिस ने गौर किया कि यह विक्षिप्त व्यक्ति हिंदी, उडिया व अंग्रेजी में बात करता है | 

छावनी पुलिस कर्मियों ने एक दिन इस शख्स का नाम और पता ठिकाना जान लिया |  विक्षिप्त व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसका नाम दिलीप चौधरी है | उसका मूल पता रायगढ़ा ओडिशा है | यही नहीं विक्षिप्त ने अपनी योग्यता एमटेक और पीएचडी के बारे में बताया | उसने अपनी पत्नी का मोबाइल नंबर भी दिया |  

छावनी पुलिस ने फौरन उस व्यक्ति के बताये नंबर पर फोन किया | घटना सत्य पाई गई | मानवीय पहल करते हुए पावर हाउस पुलिस थाने ने क्षेत्र में घूम रहे इस विक्षिप्त को उसके गृहग्राम वापस भेजा। पुलिस ने उसके भाई के सुपुर्द करते हुए उसे गृहग्राम रायगढ़ा ओडिशा के लिए रवाना किया |