दुनिया भर में एकलौता माता कौशल्या का मंदिर लेने जा रहा है मूर्त रूप, संत राम बालक दास महात्यागी ने कहा- माता कौशल्या की गोद मे खेलेंगे रामलला……..

0
40

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित श्री जामडी पाटेश्वर में अद्वितीय माता कौशल्या का मंदिर मूर्त रूप लेने जा रहा है जुलाई महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भव्य मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा। जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर दूर से आ रहे है। यहाँ माँ कौशल्या अपनी गोद में भगवान राम को लिए हुए हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजे के रूप में प्रणाम भी किया जाता है। त्रेतायुग काल से यह धार्मिक स्थल ऐतिहासिक साक्ष्य और रोचकता बटोरे हुए है जिसका जिक्र रामायण काल मे मिलता है माँ कौशल्या को समर्पित यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जो अब मूर्त रूप लेने जा रहा है।

जिस तरह 500 वर्षों की तपस्या के बाद रामलला अयोध्या में विराजमान हुए उसी तरह 17 लाख वर्षों की घोर तपस्या के बाद श्रीजामडी के पाटेश्वरी धाम में माँ कौशल्या का भव्य मंदिर मूर्त रूप लेने जा रहा है जुलाई महीने में आने वाली पूर्णिमा को जामडी पाटेश्वर का लोकार्पण होगा जहां दुनिया भर के तमाम साधु संत और राम भक्तों की मौजूदगी में होगा जिस तरह 21 वी सदी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बना इसी तरह माँ कौशल्या की गोद मे रामलला को देखने के साक्षी यह पीढ़ी होगी जिसे युगों युगों तक याद किया जाएगा।

भारतवर्ष की संस्कृति सभ्यताएं और धार्मिक मान्यताओं को प्रचारित करने वाले श्रीजामडी पाटेश्वर धाम के संत श्री राम बालक दास जुलाई की पूर्णिमा में होने वाले इस लोकार्पण ने इस शुभ अवसर के प्रचार प्रसार के लिए 45 दिनों की धार्मिक यात्राओं में निकले है जो छत्तीसगढ़ राज्य में माँ कौशल्या के इस भव्य मंदिर की परिकल्पना का स्वरूप रामभक्तों तक पहुचायेंगे वही यह यात्रा धीरे धीरे बढ़ते हुए आज छुईखदान एवं साजा क्षेत्र के विभिन्न गाँव मे गई जहाँ बड़ी संख्या में रामभक्तों के इसको सराहा और मंदिर निर्माण में अपनी भी अहम भूमिका निभाई। इसी कड़ी में संत श्री राम बालक दास अगले दिन पंडरिया , बोड़ला , कवर्धा एवं डोंगरगढ़ में रहेंगे जहाँ रामभक्तों को संबोधित करेंगे।

संत श्री राम बालक दास बताते है कि यह भारतवर्ष के लिए गौरवशाली पल है जब माँ कौशल्या का भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा। प्रभु राम वर्षों की प्रतीक्षा के बाद माता कौशल्या की गोद मे अपने बाल्य स्वरूप में नजर आएंगे। यह पूरे विश्व मे माता कौशल्या का एकमात्र दिव्य मंदिर कहलायेगा।