मजदूरों की आवाजाही खतरनाक , संक्रमण फैलने का अंदेशा , सुप्रीम कोर्ट की दो टूक के बाद केंद्र सरकार विरोधी राजनीति पर विराम लगने के आसार , मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त , कहा-आवाजाही रोके केंद्र सरकार 

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दिल्ली वेब डेस्क / सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण निर्देश के बाद राज्य सरकारों के केंद्र पर हमले और राजनीति पर विराम लगने के आसार है | दरअसल केंद्र सरकार ने मजदूरों की आवाजाही रोकने के निर्देश जारी किये थे | इन निर्देशों के बाद कई राज्य सरकारों ने यह कहते हुए केंद्र पर हमला किया था कि लॉकडाउन लागू करने के पहले मजदूरों का बंदोबस्त किया जाना था | उन्हें उनके गांव और घर पहुंचाने का पुख्ता प्रबंध करने के बाद लॉकडाउन लागू करना था |

जबकि केंद्र सरकार की दलील थी कि मजदूरों की आवाजाही से संक्रमण का खतरा है | जहां वे है वही उनके रहवास और खाने पीने का प्रबंध किया जाये | इसके लिए केंद्र ने मुक्त राशन और जन धन के खातों में रकम और फ्री ईंधन भी उपलब्ध कराया था | साढ़े तीन लाख से ज्यादा कैंप खोले गए जहां मजदूरों को ठहराया गया था | बावजूद इसके राज्यों की ओर से केंद्र पर हुए हमले के बाद लाखों मजदूरों ने पैदल ही अपने घरों का रुख किया था | उनके कदम अभी भी अपने घरों की ओर बढ़ रहे है | इस बीच शीर्ष अदालत के निर्देश से इस पर विराम लगने के आसार है | 

दरअसल कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की आवाजाही के मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई | सोमवार को न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देश जारी किये है | इसमें  केंद्र सरकार को मामले की जांच करने और दो राज्यों के बीच मजदूरों की आवाजाही के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है ।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा कि इस जानकारी को कैसे सत्यापित किया जाएगा कि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही बंद नहीं हुई है। इसपर याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे लोगों को उनके मूल गांव वापस भेजेंगे। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की आवाजाही की इजाजत नहीं है।

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इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि गृह मंत्रालय ने मजदूरों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों मंत्रालय ने मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया था। जिसमें मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति नहीं है।

गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा था कि लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए मजदूरों को कुछ शर्तों के साथ राज्य के अंदर उनके काम के स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किसी भी तरह की अंतर-राज्य आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।