हिसार वेब डेस्क / हरियाणा के हिसार से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है | यहां एक मां को इतना गुस्सा आया कि उसने आंगन में खेल रही अपनी दो बच्चियों को चाकूओं से गोद दिया | यह मां इतनी गुस्से में थी कि लहूलुहान होने के बावजूद उसने अपनी बच्चियों को नहीं छोड़ा | लेकिन थोड़ी देर बाद जब गुस्सा शांत हुआ तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई | हंसती खेलती लड़कियां लाश में तब्दील हो चुकी थी | चारों ओर खून बिखरा था | पड़ोसियों की भीड़ आंगन में लगी थी | लोग हैरत में थे | बताया जाता है कि खेल कूद की मस्ती में मशगूल दोनों बच्चियों का कसूर सिर्फ यह था कि उन्होंने उस आटे पर मिट्टी फेंक दी थी , जो उनकी मां गूथ रही थी |
मौके पर पहुंची पुलिस इस नज़ारे को देखकर हैरत में थी | दरअसल इस मां ने सब्जी काटने वाले चाकू से अपनी दो बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया था | बताया जा रहा है कि बच्चियों ने आटा गूंथ रही मां की थाली में मिट्टी क्या डाली उसका पारा आसमान छूने लगा | उसे इतना गुस्सा आया कि उसने अपना आपा खो दिया | फिर करीब रखे चाकू से उन बच्चियों पर वार कर दिया | छोटी बच्चियां लहूलुहान होकर मौके पर ही गिर पड़ी | कुछ देर बाद इस नजारे को देखकर हमलावर मां को यकीन नहीं हुआ कि उसने अपने ही खून की बलि दे दी | इस दौरान ग्लानिवश इस महिला ने उसी चाकू से आत्महत्या करने की कोशिश की | लेकिन वो घायल हुई | मौके पर मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया और फौरन उसे हिसार के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया |
पुलिस ने इस महिला के पति के बयान के आधार पर उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है | जानकारी के अनुसार राजस्थान के गांव भिराण के रहने वाले अहमद अपनी पत्नी चारयां और बच्चों के साथ खेदड गांव में रहता है | सड़क निर्माण कार्य में वो मेहनत मजदूरी का काम करता है | बताया जाता है कि लॉकडाउन और कामकाज ठप होने के चलते पीड़ित परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था | ना तो उनके पास नकद रकम थी और ना ही घर में ज्यादा अनाज पानी | लिहाजा परिवार जैसे तैसे अपना गुजर बसर कर रहा था | घटना की सूचना पाकर डीएसपी संजय बिश्नोई थाना प्रभारी कुलदीप सिंह मौके पर पहुंचे | उन्होंने घटना स्थल से चाकू बरामद किया | पुलिस ने पति के बयान के आधार पर धारा 302, 309 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज किया है | उन्होंने बताया कि दोनों बच्चियों में एक तीन साल की और दूसरी की उम्र करीब एक साल की थी |
उधर मनोचिकित्सकों ने लॉक डाउन से निर्मित स्थिति और कोरोना के खौफ के चलते लोगों में मानसिक असंतुलन की स्थिति को महसूस किया है | उनके मुताबिक इस दौर में कई ऐसे मरीज सामने आ रहे है जो जल्द तनाव की स्थिति से कुछ ना कुछ आपराधिक प्रवृति को अंजाम देने की सोच रखते है | दरअसल आर्थिक संकट और आजीविका से जूझने के चलते उनके भीतर आक्रोश की भावना समा रही है |