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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर गौरेला -पेंड्रा रवाना किया जायेगा , शनिवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार , तीन दिन का राजकीय शोक

रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार ने अजीत जोगी के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है | इस मौके पर तीन दिनों तक राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा | उनका अंतिम संस्कार उनके गृह नगर   गोरिल्ला  में किया जायेगा | स्वर्गीय जोगी का एकडमिक करियर जहां शानदान रहा वही और राजनीति की शुरुआत से लेकर आखिरी सफर संघर्षमय बीता | हालांकि वे राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में धुंआधार रूप से पूरे देश में छाए रहे | लेकिन इसके बाद उनके असल संघर्ष की शुरुआत हुई |  जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ था | जबकि 29 मई 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया | 

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भोपाल के MACT कॉलेज से इंजीनियरिंग स्नातक अजीत जोगी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर पुलिस अधीक्षक (एसपी) की नौकरी से शुरू की थी | उन्होंने आईपीएस बनने के बाद कुछ दिनों तक नौकरी की और फिर आईएएस क्लियर किया | मध्यप्रदेश के कई महत्वपूर्ण जिलों में उन्होंने नौकरी कर खूब ख्याति अर्जित की | इंदौर के कलेक्टर के रूप में उन्होंने खूब नाम कमाया | इस दौरान वो मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीब आ गए | बतौर इंदौर कलेक्टर वे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए |

जानकारी के मुताबिक वर्ष 1986 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया | इसके बाद जोगी का राजनीतिक सिक्का चमकने लगा, वह 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे |  इस दौरान वह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अलावा अलग-अलग पद पर कार्य करते  रहे | 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद भी चुने गए | साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उन्हें बतौर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी |

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दरअसल संयुक्त मध्यप्रदेश से विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का बहुमत था | उन्होंने अपने कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के विकास की बुनियाद रखी | जोगी 2003 तक राज्य के सीएम रहे | वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी को बीजेपी के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी | इस दौरान एक सड़क दुर्घटना में वे स्थाई रूप से अपंग हो गए थे | हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और कांग्रेस के भीतर उनका विरोध भी शुरू हो गया |

पार्टी के भीतर मची खींचतान के चलते जोगी का राजनीतिक ग्राफ भी गिरता चला गया | आखिरकर उन्होंने कांग्रेस से बगावती तेवर अपनाते हुए खुद का राजनैतिक संगठन खड़ा कर लिया | अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था  |फ़िलहाल उनकी मौत की खबर से छत्तीसगढ़ शोक मग्न है | 

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