दिल्ली : फुटबॉल विश्व कप चरम पर है, इस बीच क़तर में प्रिंसेस देश छोड़ भाग निकली है। अब यहाँ फुटबॉल के बजाय चर्चा शेखों की हवस को लेकर छिड़ गई है। तेल और गैस भंडार का केंद्र कतर इन दिनों फीफा वर्ल्ड कप के लिए सुर्खियों में था। लेकिन अब अपने ही नागरिकों के साथ क्रूरता करने के एक मामले में चर्चा में है।
बताते है कि कतर में कई महिला नागरिक दूसरे देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। वैसे तो यहाँ समलैंगिकता पर प्रतिबंध है। लेकिन यहाँ की राजकुमारी ने कतर के शेखों से बचने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्हें डर है कि कहीं ट्रांसजेंडर होने के कारण उनको परेशान न किया जाए। इस वजह से वह कतर छोड़ने पर मजबूर हो गई हैं। राजकुमारी क़तर के देश छोड़ने की घटना को मीडिया से सुर्खियां मिली है।
कतर की राजकुमारी के दस्तावेजों के मुताबिक वह साल 2015 की गर्मियों के दौरान अपने परिवार के साथ लंदन के फैमली ट्रिप पर गई थी। लेकिन इस दौरान वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ भाग निकली थीं। दस्तावेजों के मुताबिक प्रिंसेस ने लिखा था, ‘मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी जिंदगी कचरे में फेंक दी गई हो, मैं कभी भी अपने परिवार के बाकी लोगों की तरह अपने चचेरे भाइयों से शादी नहीं करना चाहती थी. मेरे भाई जो कुछ करने जा रहे थे, मैं उससे भयभीत थी. ‘
कतर में ट्रांसजैंडर कानूनी अपराध है। समलैंगिकता के लिए यहाँ तीन साल तक की सजा हो सकती है। अक्टूबर में ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट में कहा गया था कि कतर के सुरक्षा बलों ने एलजीबीटी लोगों को गिरफ्तार किया। उन्हें बिना किसी कारण के प्रताड़ित’ और ‘हिरासत में रखा।
बताया जाता है कि दस्तावेजों में राजकुमारी कतर के शासक परिवार अल थानी की सदस्य हैं। जब उन्होंने ब्रिटेन में शरण ली तो उन्होंने ब्रिटेन के होम ऑफिस, आप्रवासन और सुरक्षा में सरकारी एजेंसी को यह बताया कि उसका बचपन कितना मुश्किलों भरा रहा है। उन्होंने कहा कि वह एक महिला के रूप में जन्मी थीं। लेकिन अंदर से वह एक पुरुष के समान हैं, यहाँ समलैंगिक होना दंडनीय अपराध है, तीन साल की सजा है. ऐसे में वो यहाँ सेफ फील नहीं करती हैं।