रायपुर : – छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में 22 निलंबित आबकारी अधिकारियों की स्थिति कटी पतंग साबित हो रही है, ये निलंबित अफसर गिरफ्तार होंगे या फिर अदालती फ़रमान का पालन करते हुए सरेंडर करेंगे ? अबूझ पहेली बन गई है | क़ानूनी प्रावधानों के मद्देनजर इनके भविष्य का फैसला अदालत की चौखट में बताया जाता है | हालांकि अदालत के रुख से दागी अफसरों के अरमानो पर पानी फिर गया है | अदालत ने तमाम आरोपियों को तगड़ा झटका दिया है | विशेष कोर्ट ने 18 जुलाई को सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इस फैसले के बाद दागी अधिकारियों पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटकी बताई जा रही है | अग्रिम जमानत याचिकाएं ख़ारिज होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं | आरोपियों के बगैर गिरफ़्तारी बच निकलने की तमाम तिकड़में अब गैरवाजिब साबित हो रही है |

छत्तीसगढ़ ACB – EOW ने रायपुर की विशेष अदालत में 2300 पन्नों का चालान पेश कर शराब घोटाले में आरोपी अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा किया था | दागी अफसर काफी प्रभावशील और क़ानूनी दावँपेंचो में माहिर बताये जाते है | विशेष न्यायालय से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद इन अफसरों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख किया है |

सूत्रों के अनुसार आरोपी अफसरों की गिरफ़्तारी के मामले को लेकर ईओडब्ल्यू और एसीबी के हाथ -पैर बांध दिए गए है | नतीजतन आरोपी अधिकारियों की बल्ले -बल्ले बताई जाती है, जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी अस्थाई रोक के चलते प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में गहमा -गहमी भी देखी जा रही है, जांच एजेंसियों के साथ असहयोगात्मक रवैया अपनाने के बावजूद नौकरशाही और राजनेताओं का एक धड़ा आरोपियों के बचाव में है | अटकलें लगाई जा रही हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के इशारों पर आरोपी आबकारी अधिकारियों को हाईकोर्ट से सहज जमानत मुहैया कराने के लिए प्रदेश के विधि -विधायी विभाग में सेंधमारी की गई है | इस कड़ी में छत्तीसगढ़ शासन के रुख को गौरतलब आँका जा रहा है |

यह भी चर्चा जोरो पर है कि सत्ताधारी दल के कतिपय प्रभावशील नेताओं से संपर्क कर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल मामले को रफा -दफा करने में जोर -शोर से जुटे हुए है | पुत्र चैतन्य बघेल के जेल की हवा खाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल भी शराब घोटाले की जद में बताये जाते है | लिहाजा नए क़ानूनी दांवपेच को आजमाने के साथ -साथ पूर्व मुख्यमंत्री ने सोची -समझी रणनीति के तहत ACB -EOW पर हमले तेज कर दिए है |

पूर्व मुख्यमंत्री बेमौसम बारिश की तर्ज पर राज्य की बीजेपी सरकार और पुलिस पर हैरत अंगेज आरोप लगा रहे है | उनकी इस कवायत को जाँच एजेंसियों पर दबाव बनाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है | माना जा रहा है कि घोटालों का काला चिटठा सामने आने के बाद ACB -EOW भी चैतन्य उर्फ़ बिट्टू बघेल को अपनी गिरफ्त में ले सकती है | ED के हत्थे चढ़ने के बाद चैतन्य बघेल से एजेंसियों की पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए है | घोटालों की लगातार जुड़ती कड़िया पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल के गिरेबान तक पहुँचती नजर आ रही है |

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में पूरवर्ती कांग्रेस सरकार की सलिप्ता भी सामने आई है | घोटालो की रकम से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल अपनी राजनीति चमका रहे थे | उन्होंने इस रकम का मोटा हिस्सा कांग्रेस आलाकमान के दरबार में भी चढ़ाया था | कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भी घोटाले की रकम से उपकृत किये जाने के सबूत एजेंसियों के हाथ लगे है | राज्य में 2019 से 2023 के बीच ज्यादातर अंजाम दिए गए घोटालो का श्रीगणेश और समापन तत्कालीन मुख्यमंत्री भू -पे बघेल के सिर – माथे पर बताया जाता है | जबकि दागी आबकारी अधिकारियों ने कथित तौर पर कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के साथ अवैध शराब की बिक्री कर सरकारी सिस्टम पर काबू पा लिया था | छत्तीसगढ़ शासन के प्रावधानों के विपरीत बिना ड्यूटी पेड शराब को सरकारी दुकानों के जरिये आम लोगो के बीच बिक्री की गई थी |

शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, रिटायर प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा, चैतन्य बघेल जैसे दर्जनों आरोपी जेल की हवा खा रहे है | इस मामले में कई और बड़े प्रभावशील कारोबारियों का नाम भी सामने आया हैं | दागी आबकारी अधिकारियो को निलंबित कर राज्य सरकार ने वाणिज्यकर – भवन में अटैच कर दिया है | उनके तैनाती स्थल में भी आरोपियों की गिरफ़्तारी का मामला सुर्ख़ियों में है | बहरहाल, राजनैतिक सरगर्मियों के बीच ACB – EOW अपनी कार्यवाही में जुटा है | एजेंसियां पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के तमाम हथकंडो से वाकिफ बताई जाती है | यह भी बताया जा रहा है कि ईडी से घोटालो का नया पुलिंदा हासिल होने के बाद एजेंसियां क़ानूनी राह पर है |
