पूर्व मंत्री की बहू-पोती के हत्यारों ने अपनाया था ये तरीका, 2 वजहों से नहीं मिल रहे कोई सबूत

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रायपुर / छत्तीसगढ़के ख्महारडीह में पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की बहू नेहा और पोती अनन्या  के मर्डर केस में पुलिस को अब तक कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि हत्या के मुख्य आरोपी ने बड़े ही चालाकी से इस घटना को अंजाम दिया है। घटना स्थल की जांच करने के बाद भी पुलिस को इस केस में ना कोई फिंगर प्रिंट या फुट प्रिंट कुछ भी नहीं मिला है।पुलिस इस केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि आरोपियों ने बड़े ही शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया है। हत्या का मुख्य आरोपी अजय राय वारदात से पहले ही अपना मोबाइल घर पर छोड़ दिया था ताकि पुलिस को घटना के वक्त की उसकी लोकेशन ना मिल सके। नेहा और अनन्या की हत्या करते वक्त अजय और उसके भाई डा. आनंद व तीसरे साथी ने पहले से ही अपने हाथों में ग्लब्स पहना हुआ था। यहां तक शूज में भी प्लास्टिक पहने हुए थे ताकि फुट प्रिंट भी ना मिल सके।

 पुलिस का कहना है कि घटना का मुख्य आरोपी अभी तक फरार है। घटना के बाद से ही उसने अपने किसी भी परिवार वालों या रिश्तेदारों से कोई संपर्क नहीं किया है। यहां तक की उसने अपना एटीएम भी नहीं लिया है। पुलिस को शक है कि उसका कोई जानने वाला उस तक पैसे पहुंचा रहा है। उसकी तलाश में पुलिस की टीम ने सभी टोल नाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली उसकी गाड़ी किसी भी टोल पर नहीं दिखाई दी है। इसका मतलब वो कहीं आस-पास ही छिपा हुआ है। हालांकि उसके आउटर के फार्म हाउस की भी जांच की जा रही है। अजय का फोन जब्त कर लिया गया है। पुलिस दोस्तों से संपर्क करने में जुटी हुई है।

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ऐसा नहीं है कि अजय राय का पहली बार किसी अपराध में नाम जुड़ा हो। वे इस घटना से पहले पंडरी मर्डर अटेम्प्ट के केस में जेल जा चुका है। इसके अलावा खमतराई में हत्या के एक मामले में भी उसका नाम आया था। अजय धोखाधड़ी के मामले में भी जेल जा चुका है। इस दौरान उसकी जेल में कई बदमाशों से दोस्ती हो गई थी। वह जेल से छूटने के बाद ज्यादातर हिस्ट्रीशीटरों के साथ ही घूमता था।

दरअसल बीते शनिवार को मृतका नेहा का ननदोई अजय राय अपने भाई आनंद राय और उसके दोस्त के साथ उनके घर पहुंचा था। अजय जब नेहा से मिलने मकान में पहुंचा तो उसने पहले 25 लाख मांगा। नेहा ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया। कई बार प्रयास करने के बाद भी जब नेहा ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया तो अजय ने कहा कि उसे 25 लाख नहीं तो 25 हजार ही दे दे। उसे पैसों की बहुत जरूरत है। फिर डॉ. आनंद ने भी नेहा से कहा कि अजय को पैसा निकालकर दे। नेहा ने इतने पैसे भी नहीं दिए। इसके बाद तीनों ने मिलकर जूते के फीते से गला घोटकर नेहा और उसकी 9 साल की बेटी अनन्या की हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने मां बेटी की लाश को बाथरूम में ले गए। यहां उन्होंने दोनों की लाशों को पानी डुबो कर चेक किया कि वे दोनों मर गए है या नहीं। इसके बाद उन्होंने दोनों की लाश को बेड में छिपा दिया।पुलिस अफसरों की मानें तो उनका मकसद नेहा से तिजोरी खुलवाना था।

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वारदात को अंजाम देने के बाद अजय ने अपने भाई आनंद और उसके साथी को  कमरे में छोड़ दिया। दरअसल वो चाहता था कि किसी को भी इस बात का पता ना चले इसलिए आरोपियों ने आधी रात मां-बेटी की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था।  इसके बाद अजय नेहा के घर पर बाहर से ताला लगाकर वहां से गाड़ी से चला जाता है। हालांकि डॉक्टर आनंद और उसका साथी इस दौरान घर में रहते है। इसी दौरान नेहा की बहन उसके घर पहुंचती है और उसे फोन लगाने की कोशिश करती है लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आता है। किसी अनहोनी की आशंका पर नेहा की बहन ने पुलिस को इस बात की सूचना दी। पुलिस घर पर पहुंची तो नेहा की लाश उसके बेड में पाई गई। इसके बाद पुलिस ने आनंद और उसके साथी से पूछताछ की तब जाकर मामले का खुलासा हो पाया।