रायपुर / रायपुर के अपह्रत कारोबारी प्रवीण सोमानी बमुश्किल छत्तीसगढ़ पुलिस की सूझबूझ से सुरक्षित अपने घर लौट गए है | इस ऑपरेशन को पुलिस ने काफी सूझबूझ और तकनीकी तौर पर सुनियोजित रणनीति के तहत अंजाम दिया | यह पहला मौका है जब देश के कुख्यात अपहरण गिरोह के कब्जे से बगैर फिरौती दिए पुलिस ने ना केवल पीड़ित उद्योगपति को छुड़ाया बल्कि बिहार के चंदन सोनार गिरोह के दो अपहरणकर्ताओं को धर दबोचा | पुलिस के मुताबिक अभी गिरोह के कई और सदस्य उसके हत्थे चढ़ेंगे | इस कारोबारी को छुड़ाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने उत्तरप्रदेश और बिहार पुलिस की मदद से सर्च ऑपरेशन को कामयाबी के साथ संचालित किया | उसने पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लेकर उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ तक लगभग 15 सौ किलोमीटर से अधिक दूरी तक नेशनल हाइवे और राज्य मार्गों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला | इसके बाद बिहार तक पहुंच गई | बिहार एसटीएफ के सहयोग से छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के ठिकाने में दबिश दी | उत्तर प्रदेश के फ़ैजाबाद और सुल्तानपुर के बीच एक झोपड़ीनुमा मकान में छापेमारी के बाद पीड़ित कारोबारी को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया | बताया जाता है कि इस अपरहण की इस घटना को तीन गिरोह ने मिलकर अंजाम दिया था | इसमें मुख्य भूमिका बिहार के पप्पू चौधरी और चंदन सोनार गिरोह की है | इस गिरोह में उड़ीसा,बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात के नामी गिरामी अपराधी शामिल है | रायपुर लौटने के बाद जहां पीड़ित उद्योगपति सोमानी को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है वही गिरोह के अनिल चौधरी और मुन्ना नायक से पूछताछ जारी है | बताया जाता है कि नशीला इंजेक्शन लगाकर इस कारोबारी को झोपडी में छिपाकर रखा गया था | किडनैपर के पास अवैध हथियार भी थे | जोखिम नजर आने पर वो अपने बचाव में कारोबारी की जान भी ले सकते थे | लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस के पेशवर रुख ने ऐसी नौबत ही आने नहीं दी | उसने किडनैपर की हर एक चाल को भेदते हुए उनके अरमानों पर पानी फेर दिया |
राजधानी रायपुर के कारोबारी प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ाने के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने आधी रात चौकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि प्रवीण सोमानी की सकुशल घर वापसी हो गई है | उनके मुताबिक चंदन सोनार गिरोह इस अपहरण में संलिप्त था। ये गिरोह पूरे भारत के कई राज्यों में कई बड़े अपहरण कांड को अंजाम देता है। उनके मुताबिक काफी धैर्य के साथ पुलिस ने इस ऑपरेशन में कारोबारी सोमानी को सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है।
उन्होंने बताया कि 5 राज्यों में इस गैंग की तलाश की गई | इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हरियाणा, गुजरात में इस गिरोह के लोगों से पूछताछ की गई। इस दौरान पता चला को व्यापारी को पटना में रखा गया है। गैंग का मुख्य सरगना पप्पू है। उन्होंने बताया कि पुलिस की सक्रियता देखकर किडनैपर इस कारोबारी को अपने साथ लेकर लोकेशन बदलते रहे | सूचना के बाद अपहरणकर्ताओं ने जहां पर व्यापारी को रखा था वहां पर छापेमारी में गिरोह का मुख्य सरगना भाग निकला था।
इस मामले में एसएसपी आरिफ शेख ने बताया कि व्यापारी की किडनैपिंग से पहले अपहरणकर्ताओं ने गूगल से सर्च कर उसके बारे में जानकारी प्राप्त की थी। इनका लोकल मददगार अनिल चौधरी था, जो रायपुर के दोन्देकला का निवासी है | उन्होंने बताया कि तमाम परिस्थिजन्य सबूतों ध्यान में रखते हुए पुलिसी ने इस मामले में जांच शुरू की। उनके मुताबिक आरोपियो ने कई दिनों तक इस व्यापारी की रेकी की थी | अपहरण के वक्त रायपुर के सिलतरा इलाके के पास आरोपियों ने अपने आप को ईड़ी का अधिकारी बताकर व्यापारी को अपने कब्जे में ले लिया |फिर गाड़ियां बदलते हुए रायपुर से कटनी और फिर इलाहाबाद ले गए। उन्होंने बताया कि यही से किडनैपर ने सोमानी के परिजनों को कॉल कर 50 करोड़ की फिरौती की मांग की थी। उन्होंने बताया कि इस वारदात में टोटल 10 लोग शामिल थे। गिरोह का मुख्य सरगना पप्पू चौधरी अभी फरार है। उनके मुताबिक आरोपियों ने अपहरण के बाद सोमानी को मेन्टल टॉर्चर काफी किया था। यहां तक कि बीच बीच के व्यापारी को नींद का इंजेक्शन भी लगाया जाता था।
गौरतलब है कि इस कारोबारी को किडनैपर ने रायपुर के औद्योगिक इलाके सिलतरा से 8 जनवरी को अपने कब्जे में लिया था | इसके उपरांत किडनैपर गिरोह पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखते हुए पीड़ित कारोबारी को अपने साथ लेकर नए नए ठिकानों में शरण लेता रहा | इस पूरे ऑपरेशन में रायपुर रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा ,एसएसपी आरिफ शेख, एडिशनल एसपी क्राइम पंकज शर्मा, एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल, सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी, सीएसपी आजाद नसर सिद्धिकी, सहित अन्य थानों के प्रभारी और पुलिसकर्मी शामिल थे। इस ऑपरेशन की कामयाबी को देखते हुए डीजीपी डीएम अवस्थी ने पूरी टीम को पुरुस्कृत करने की घोषणा की है |