रिपोर्टर – मनोज सिंह चंदेल
राजनांदगांव | राजनांदगांव के बर्फानी आश्रम स्थित विशाल शिवलिंगाकार मां पाताल भैरवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटी है | महाशिवरात्रि के मौके पर यहाँ दिन-रात भगवान भोलेनाथ का अभिषेक हो रहा है | मंदिर में भगवान शिव के तांडव करते हुए विशाल प्रतिमा के इर्द-गिर्द देशभर के द्वादश ज्योर्तिलिंगों का एक साथ दर्शन का लाभ श्रद्धालुओं को मिल रहा है। शिवरात्री के पावन अवसर पर ज्योर्तिलिंगों के प्रतिरूपों का एक साथ पूजन करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं यहाँ मौजूद है |
शिवलिंगाकार मां पाताल भैरवी मंदिर के तीसरे लोक में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथेश्वर, नागेश, धुश्मेश्वर और रामेश्वर के ज्योर्तिलिंगों के जीवंत प्रतिरूप के एक साथ दर्शन कर श्रद्धालुओं भाव विभोर है | महाशिवरात्रि के अवसर पर इन पवित्र शिवलिंगों पर जलार्पण करने प्रदेश के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु यहाँ पहुंचे है। यही नहीं महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां के ज्यातिर्लिगों में जल चढ़ाने के लिए दूर-दूर से कांवरिए भी आये हैं।
भगवान भोलेनाथ के रौद्र रूप के दाहिने-बांए सोमनाथ से लेकर रामेश्वरम तक के पवित्र ज्योर्तिलिंगों के एक साथ दर्शन करने का अलौकिक आनंद हर कोई लेना पसंद करता है। पाताल, धरती और आकाश तीनों लोक में बने इस शिवलिंगाकार मंदिर में पाताल लोक मां पाताल भैरवी, भूलोक में राजराजेश्वरी दस महाविद्या और आकाश लोक में भगवान भोलेनाथ के साथ ज्योर्तिलिंगों की स्थापना की गई है। विशालकाय भोलेनाथ की प्रतिमा 6 अप्रैल वर्ष 2008 को स्थापित की गई थी। उस समय पारे का शिवलिंग भी यहां स्थापित किया गया था। शिव पर्वों पर इस शिवलोक में देश-विदेश से भक्तों का तांता लगा रहता है। शिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ के अदभुत मंदिर को देखने वाले यहां आकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं और सुखद अनुभूति करते हैं।
देशभर में घूम-घूम कर ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करने में सक्षम नहीं होने वाले लोगों के लिए मां पाताल भैरवी मंदिर के एक ही परिसर में ज्योर्तिलिंगों में जलाभिषेक करना अवसर मिलता है। यही वजह है कि यहां आने वाले लोगों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती चली जा रही है।