
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। आज सुबह 5:45 बजे श्रीहरिकोटा से ‘निशांत मिशन’ के तहत नया सैटेलाइट लॉन्च किया गया। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की निगरानी, आपदा प्रबंधन, और जलवायु परिवर्तन पर डेटा इकट्ठा करना है।

निशांत’ नामक यह उपग्रह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है और यह हाई-रिज़ोल्यूशन कैमरों और अत्याधुनिक सेंसरों से लैस है। इससे भारत को सीमाओं की सुरक्षा, मौसम की सटीक भविष्यवाणी, और पर्यावरणीय बदलावों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।
क्या है ‘निशांत मिशन’?
यह एक रिमोट सेंसिंग उपग्रह है।
इसका वजन लगभग 620 किलोग्राम है।
इसे PSLV-C64 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया।
यह मिशन 7 साल तक कार्यरत रहेगा।
ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, “निशांत मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मजबूत कदम है। इससे देश की निगरानी और आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूती मिलेगी।”
रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम
‘निशांत मिशन’ को भारत की सामरिक और वैज्ञानिक क्षमता बढ़ाने वाला मिशन माना जा रहा है। यह सैटेलाइट न सिर्फ नागरिक जरूरतों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि सेना को भी महत्वपूर्ण डाटा प्रदान करेगा।

निष्कर्ष:
निशांत मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय है। यह मिशन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को मजबूत करता है और आने वाले वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय सहयोगों का रास्ता भी खोल सकता है।