दिल्ली: देश के लगभग आधा दर्जन राज्यों में तूफान ‘मैंडूस’ का कहर देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश, ओडिशा में बूंदाबांदी और कोस्टल इलाको में बारिश से अचानक ठण्ड बढ़ गई है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बूंदा-बांदी भी हुई। सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु में हुआ है। यहां चक्रवाती तूफान मैंडूस के कारण भारी बारिश हो रही है| इस वजह से चेन्नई हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द की गई हैं।
तमिलनाडु में खराब मौसम का सीधा असर उड़ानों पर पड़ रहा है। चेन्नई हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द की गई हैं. चेन्नई एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से न्यूज़ टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक चक्रवाती तूफान मैंडूस आज आधी रात को चेन्नई तट के पास से गुजरने वाला है। तेज़ हवाओ और बारिश से उड़ाने प्रभावित हुई है।
मौसम के जानकर बताते है कि चक्रवात मंडौस के 9 दिसंबर की मध्यरात्रि को 65-75 किमी प्रति घंटे से लेकर 85 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति के साथ गुजरने की संभावना है। भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर, चेन्नई, तिरुवल्लुवर, चेंगलपट्टू, वेल्लोर, रानी वेट्टई और कांचीपुरम सहित 12 जिलों में आज स्कूल और कॉलेज बंद हैं।
उनके मुताबिक राज्य के उत्तरी हिस्से में कल रात से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। कुछ हिस्सों में भारी बारिश भी हुई है। चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, कांचीपुरम और पुडुचेरी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। मौसम विभाग ने राज्य के 13 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के DGP शेख आरिफ को वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव का शिकायती पत्र,देंखे वीडियो
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि चक्रवाती तूफान वर्तमान में कराइकल से 240 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। मैंडूस उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट को 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार करेगा।
ये भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया के बाद ख़त्म होगा RG का आतंक
हालात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें मैदान में उतारी गई है।चक्रवात से पेड़ों के उखड़ने, बिजली कटौती की आशंका है। तमिलनाडु सरकार ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और टॉर्च या मोमबत्ती, बैटरी, खाना, पीने का पानी तैयार रखने की सलाह दी है।
इधर ,एनडीआरएफ ने 10 जिलों में अपनी टीमें तैनात की हैं। संवेदनशील इलाकों में नाव और पेड़ काटने वालों को तैनात किया गया है। जबकि मछुआरों को तीन दिनों तक समुद्र से दूर रहने को कहा गया है। फिलहाल जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।