रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब विश्व आदिवासी दिवस के बजाय भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और कर्मा महोत्सव में रंगा रंग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। बीजेपी सरकार का जोर भगवान बिरसा मुंडा के संदेशों को आम लोगों तक पहुँचाना है, ताकि सिर्फ आदिवासी ही नहीं, बल्कि प्रदेश के आम लोगों को भी विकास के मार्ग से जोड़ा जा सके। आदिवासी संस्कृति की रक्षा और उनके विकास के लिए प्रत्येक 15 नवंबर को बड़े पैमाने पर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। रामविचार नेताम ने बताया कि इस दिवस को अब जनजातीय गौरव दिवस समारोह का रूप दिया जायेगा। यही नहीं अब कर्मा महोत्सव की भी धूम रहेंगे।
राज्य के आदिवासी विकास मामलों के मंत्री रामविचार नेताम ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार का जोर इस बार भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और कर्मा महोत्सव को यादगार बनाना है। इसके प्रयास जोर-शोर से जारी है। राज्य की बीजेपी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पूरे प्रदेश में अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। रामविचार नेताम ने बताया कि इसी तर्ज पर अब कर्मा महोत्सव भी रंगा-रंग नजर आएगा।
उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में जन जातीय गौरव दिवस जोर-शोर से मनाया जाता है, यह दिन बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों को भी समर्पित है, ताकि भावी पीढ़ियां देश की खातिर उनके बलिदान के बारे में जान सकें। उनके मुताबिक जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में जनजातीय अनुसंधान संस्थानों, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों, उत्कृष्टता केंद्रों, केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य जनजातीय कल्याण विभागों और अन्य भागीदार संगठनों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
रामविचार नेताम ने कहा कि विपक्ष ने प्रदेश के आदिवासियों को सिर्फ विकास के सब्जबाग दिखाए थे। लेकिन बीजेपी की डबल इंजन सरकार अब सही मायनों में जनजातीयों को उनके मूल अधिकारों और कर्तव्यों से जोड़ेगी। इसके प्रयास अभी से शुरू कर दिए गए है।
आदिवासी इलाकों में सिकल सेल परीक्षण, जागरूकता और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व छात्रवृत्ति योजनाओं में नामांकन पर ध्यान केंद्रित कर बच्चों, छात्र-छात्राओं को लाभ दिलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार स्वामित्व कवरेज के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आजीविका भी सुनिश्चित की जा रही है।
विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में समुचित रूचि ना दिखाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आदिवासी कल्याण और विकास मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा जयंती की तर्ज पर कर्मा महोत्सव भी इस बार जोर-शोर से मनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में खासतौर पर यह झारखंड, बिहार के अलावा ओडिशा, बंगाल और असम में आदिवासी समुदाय द्वारा यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, छत्तीसगढ़ में भी इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, उनके दीर्घायु के लिए पूजन करती हैं। लिहाजा इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित किये जायेंगे।
दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ अपने संसदीय दौर को याद करते हुए रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबसे कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए इस वर्ष पीएम-जन मन मिशन की शुरुआत बिरसा मुंडा की जयंती पर की थी। उन्होंने आदिवासी इलाकों में विकसित भारत के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की संकल्प बद्धता, महिला शक्ति और जनजातीय कल्याण और विकास स्तंभों पर जोर दिया था, हम भी यहाँ पार्टी की रीति-नीति के अनुसार आदिवासियों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे है।