दिल्ली वेब डेस्क / कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है | पार्टी के भीतर नए नेतृत्व की तलाश जोरो पर है | राहुल गाँधी के बजाये कई नेता अन्य किसी साथी को पार्टी की बागडोर सौंपने की मांग कर रहे है | उधर संगठन का एक खेमा राहुल गाँधी की बतौर पार्टी अध्यक्ष एक बार फिर ताजपोशी में जुटा है | जबकि कुछ नेता संगठन चुनाव पर जोर दे रहे है | इस बीच कांग्रेस में अनुभवी बनाम युवा नेताओं की जोर आजमाइश और कलह खुलकर अब सामने आने लगा है |
हाल ही में कांग्रेस कार्यसमिति में हुई तीखी बहस के बाद नेताओं के कई खेमे उभर आये है | इनमे से दो खेमों के नेताओ के बीच सोशल मीडिया पर वार – प्रतिवार शुरू हो गया है | दोनों खेमे एक -दूसरे के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। इनमे पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने आड़े हाथों लेते हुए इन नेताओं पर तंज भी कसा है |
मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि, भाजपा 2004 से 2014 तक सत्ता से 10 साल बाहर रही, लेकिन किसी ने भी पूर्व पीएम वाजपेयी या उनकी सरकार पर सवाल नहीं उठाया। लेकिन कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ ऐसे नेता हैं, जो भाजपा से मुकाबला करने के बजाय यूपीए सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। जिस समय पार्टी को एकजुट होना चाहिए, कुछ नेता बांटने का काम कर रहे हैं।
तू सितम कर ले, तेरी ताकत जहां तक है…
उधर मनीष तिवारी के इस ट्वीट के बाद उनका विरोधी खेमा भी सोशल मीडिया पर आ गया | बगैर देर किये राहुल गाँधी के करीबी राजीव साटव ने ट्वीट किया | उनका शायराना ट्वीट कांग्रेस के गलियारों में चर्चा में है | उन्होंने कहा, मत पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहां तक है, तू सितम कर ले, तेरी ताकत जहां तक है, वफा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है कि तू जालिम कहां तक है। दरअसल, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राजीव साटव समेत राहुल के करीबी नेताओं ने पुराने नेताओं पर यूपीए-2 के दौरान खराब प्रदर्शन का आरोप लगाया था। दरअसल उस वक़्त आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम ने राहुल की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।