Friday, September 20, 2024
HomeChhatttisgarhछत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को शराब के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया शराब...

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को शराब के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया शराब ठेकेदार ने  , राज्य सरकार ने सेनेटाइजर निर्माण की दी स्वीकृति लेकिन बाजार में आया “ठर्रे” के नाम पर , नशाखोरी के नाम पर सेनेटाइजर के सेवन की जवाबदारी सरकार की या फिर ठेकेदार की , फैसला जनता की अदालत में 

रायपुर / छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य की दो डिस्लरी को सेनेटाइजर निर्माण की स्वीकृति देते हुए लाइसेंस जारी किया गया था | इनमे से एक डिस्लरी का बाजार में आया सेनेटाइजर लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है | दरअसल सेनेटाइजर कोई उपभोक्ता या मेडिकल आर्टिकल के नाम से नहीं बल्कि प्रदेश में प्रचलित एक शराब के ब्रांड के नाम से उपलब्ध कराया गया है | सेनेटाइजर निर्माण में एल्कोहल की मात्रा के उपयोग की जानकारी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है | प्रदेश में सस्ते नशे के कारोबार और नशीली वस्तुओं का उपयोग करने वाले तत्वों की कोई कमी नहीं है | ऐसे तत्व अब इस सेनेटाइजर को अपने सेवन के लिए प्रयुक्त ना कर ले , इसका खतरा मंडराने लगा है |

दरअसल उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र और उड़ीसा में नशे के लिए सेनेटाइजर के सेवन की घटनाएं सामने आ चुकी है | इस प्रवृति पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्क्त भी करनी पड़ी है | ऐसे में शराब के प्रचलित ब्रांड से मिलता जुलता सेनेटाइजर छत्तीसगढ़ में भी लोगों की जान का दुश्मन बन सकता है | उत्तर प्रदेश के मोहबा में 54 वर्षीय आलोक कुमार अहिरवार  नामक शख्स की सेनेटाइजर के सेवन के बाद हाल ही में मौत हो गई थी |    

इसे भी पढ़े : इस व्यक्ति ने शराब की तर्ज पर पी लिया सेनेटाइजर, अस्पताल पहुँचने से पहले हुई मौत   

कोरोना संक्रमण के बीच सेनेटाइजर के नाम पर शराब के ब्रांड के प्रचार-प्रसार से भी इस मामले को जोड़कर देखा जा रहा है | लोग हैरत में है कि सेनेटाइजर का नाम स्वीकृत करने वाली सरकारी एजेंसी ने आखिर कैसे शराब के ब्रांड के नाम पर अपनी मुहर लगा दी | छत्तीसगढ़ में नशाखोरी की प्रवृति पर रोक लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन जमकर पशीना बहा रहा है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में हुक्का बार पर रोक लगाकर नशे के कारोबार को तगड़ा झटका दिया था | लेकिन अब सेनेटाइजर के नाम पर शराब की ब्रांडिग कितनी जायज है , इसे लेकर सरकार को विचार करना होगा |

फ़िलहाल तो इस सेनेटाइजर के बाजार में आने के बाद जनता की अदालत में सवाल उठने लगे है | लोगों  की दलील है कि शराब के ब्रैंड नेम पर बाजार में उपलब्ध पानी की बोतले और सोडा वाटर का सेवन किया जा सकता है | लेकिन इसी आधार पर सेनेटाइजर के उपलब्ध होने से लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनेगी | जो घातक साबित हो सकती है | जानकार  यह भी बता रहे है कि पंजाब , हरियाणा ,दिल्ली समेत कई राज्यों में स्थित डिस्लरी  में भी सेनेटाइजर का निर्माण जारी है | लेकिन इसके निर्माताओं को किसी  प्रचलित शराब  के नाम पर सेनेटाइजर के नाम की अनुमति नहीं दी गई है |        

bureau
bureau
BUREAU REPORT
RELATED ARTICLES

Most Popular

spot_img