कानपुर : कानपुर में एक आईटी अफसर के शव को बरामद किया गया है | इस शव को परिजनों ने लोगों से छिपा कर अपने घर में ही रखा था | परिवार वाले यह मानने को तैयार नहीं थे कि आईटी अफसर की मौत हो चुकी है | शव बरामदगी में जुटे प्रशासन के अफसरों से वे यह कहकर शव देने से इंकार कर रहे थे कि अफसर अभी कोमा में है | बताया जाता है कि रावतपुर इलाके में पिछले साल अप्रैल में एक निजी अस्पताल में आईटी अफसर की मौत हो गई थी | लेकिन परिजनों ने उसके शव को घर में यह समझ कर इतने दिन रखा कि वह कोमा में है, और जिंदा है | मृतक की पहचान आयकर विभाग में कार्यरत विमलेश दीक्षित के रूप में हुई है |
दरअसल ,घटना का पता तब चला जब पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट, स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक मामले की जांच के लिए आईटी अफसर घर पहुंचे थे | उन्हें वहां दीक्षित का शव देखकर हैरानी हुई | मौके पर पुलिस को बुलाया गया | पुलिस जांच के बाद इसका खुलासा हुआ कि परिजन मृत व्यक्ति को कोमा में समझ कर इतने दिनों से घर में रखे हुए थे | पुलिस ने बताया कि शव पूरी तरह सड़ चुका था | एक अधिकारी ने कहा कि दीक्षित की पत्नी एवं अन्य परिजन अंधविश्वास की चपेट में है | वे मानसिक रूप से कमजोर प्रतीत होते है | कानपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि निजी अस्पताल ने मृत्यु प्रमाण पत्र में कहा था कि विमलेश दीक्षित की मृत्यु 22 अप्रैल, 2021 को अचानक दिल का दौरा के कारण हुई थी.
इस मामले में न्यूज़ टुडे संवाददाता से चर्चा करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि , विमलेश दीक्षित की पिछले साल 22 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी, उनके मुताबिक परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए अनिच्छुक था क्योंकि उनका मानना था कि दीक्षित कोमा में है | उन्होंने बताया कि ,मुझे कानपुर के आयकर अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था, जिन्होंने इस मामले की जांच का अनुरोध किया था | डॉ रंजन ने कहा कि जब मेडिकल टीम उनके घर पहुंची तो परिवार के सदस्य इस बात पर जोर दे रहे थे कि विमलेश जिंदा है और कोमा में है. बहुत समझाने पर परिजनों ने शव सौंपा | उन्होंने बताया ,स्वास्थ्य टीम को शव को लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल ले जाने की अनुमति दी, जहां चिकित्सकीय जांच में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया |
उधर इलाके में गहमा -गहमी के बीच एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विमलेश की पत्नी हर सुबह शव पर ‘गंगाजल’ छिड़कती थी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि ऐसा करने से वे ‘कोमा’ से बाहर निकल जाएंगे | अधिकारी ने कहा कि परिवार ने अपने पड़ोसियों को भी बताया था कि विमलेश ‘कोमा’ में हैं | पड़ोसियों में से एक ने पुलिस को बताया, “परिवार के सदस्यों को अक्सर ऑक्सीजन सिलेंडर घर ले जाते देखा था | फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद विमलेश के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है |