सूरत वेब डेस्क / सेवा में खोट महंगी पड़ सकती है, बर्श्ते उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे | गुजरात के सूरत में एक उपभोक्ता अदालत ने कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और इसके स्थानीय डीलर को एक कार की कीमत वापस करने के निर्देश दिए है। इस मामले में अदालत ने यह आदेश बिक्री के बाद सर्विस में कमी और ग्राहक को हुई परेशानी के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए दिया है। उपभोक्ता अदालत ने इस दौरान ग्राहक को चार साल के ऑटो के किराये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है।
मामले के मुताबिक जयेश दोमादिया नामक व्यक्ति ने चार साल पहले 2016 में मारुति सुजुकी की कार एस-क्रॉस कार खरीदी थी। कार में दिक्कत आने पर वह कार वापस करने गए। उन्होंने यह कहते हुए नई कार की मांग की कि उन्होंने बिना चली गाड़ी खरीदी थी, लेकिन यह गाड़ी पहले चलाई जा चुकी थी।दरअसल ग्राहक ने इस कार की खरीदी के बाद सामने आ रही दिक्कतों के मद्देनज़र तकनीकी खराबी मैकेनिक को दिखाई थी | मामले में उमरा पुलिस स्टेशन में दोनों ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी।
यह विवाद साल 2016 में शुरू हुआ था | ग्राहक ने शिकायत के बाद अपनी कार सर्विस सेंटर में छोड़ दी थी। बताया जाता है कि उस दौरन कार की कीमत 13.37 लाख रुपये थी, लेकिन ग्राहक ने इसे 15 दिन इस्तेमाल किया था इसलिए अदालत ने कंपनी को आठ फीसदी ब्याज के साथ 13 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश भी दिया है। इसके साथ ही अदालत ने ग्राहक को 1.62 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया।
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दरअसल कोर्ट ने कहा कि कार मालिक 1625 दिन तक अपनी ही कार का इस्तेमाल नहीं कर सका | इस दौरान उसे आने-जाने के लिए ऑटोरिक्शा का सहारा लेना पड़ा था। इसके लिए अदालत ने 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से एक लाख 62 हजार 500 रुपये के भुगतान का आदेश दिया। सूरत की उपभोक्ता अदालत ने अपने फैसले में ऑटोमोबाइल कंपनियों की ओर से भारत में बिक्री के बाद कारों की सर्विस को लेकर कड़ी टिप्पणी भी की है।