Whisky Shortage: नई दिल्ली। भारत में शराब की बिक्री करने वाली सबसे बड़ी कंपनी डियाजियों ने कई राज्यों में शराब की बिक्री रोकने का फैसला किया है। वास्तव में सरकार शराब की कीमत पर नियंत्रण रखना चाहती है और कंपनियों की लागत बढ़ने की वजह से वे भाव बढ़ाना चाह रही हैं। सरकार और कंपनियों की इस लड़ाई में डियाजियों को करीब बिक्री के मामले में 9 मिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है।
भारत में व्हिस्की के कई ब्रांड्स आने वाले समय नहीं मिलेंगे क्योंकि जॉनी वॉकर, मैकडॉवेल, ब्लैक डॉग जैसी व्हिस्की बनाने वाली शराब कंपनी डियाजियो पीएलसी को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। कीमतों को लेकर गतिरोध पैदा हो गया है। भारत में सरकार ने शराब की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय रखी है। इस वजह से कंपनी भारत में अपने व्हिस्की ब्रांड्स की कीमतों को नहीं बढ़ा पा रही है, जिसके चलते उसे नुकसान उठाना पड़ रहा है।
यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड ने कई राज्यों में व्हिस्की की सेल रोक दी है। महंगाई बढ़ने के बाद भी शराब के भाव नहीं बढ़ा पाने की मजबूरी की वजह से कंपनी ने शराब की बिक्री रोकने का फैसला किया है।
Whisky Shortage: कंपनी अब प्रीमियम प्रोडक्ट पर ज्यादा ध्यान दे रही है। शराब बनाने वाली कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत काफी बढ़ी है लेकिन उन्हें खुदरा कीमत बढ़ाने की अनुमति नहीं मिल रही है। व्हिस्की की बिक्री बंद किए जाने की वजह से मार्केट शेयर के मामले में कंपनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन शराब कारोबारियों को उम्मीद है कि सितंबर के अंत तक इस मसले का हल निकाला जा सकता है।
देश के 5 राज्यों में शराब बनाने वाली कंपनी सरकार से बातचीत कर रही है। शराब बनाने वाली कंपनियों ने राज्य सरकारों को आंकड़े और सही सूचना दिखाकर कीमत बढ़ाने के लिए मनाने की कोशिश की है। हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में शराब की कीमत बढ़ाई जा चुकी है।
Whisky Shortage: ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को भारत में 90 लाख डॉलर का नुकसान हो चुका है। इस वजह से डियाजियो के भारतीय ब्रांच ने कुछ ब्रैंड्स की बिक्री को बंद कर दिया है। डियाजियो ने भारत के कई राज्यों में व्हिस्की के कई ब्रांड्स के बिक्री पर रोक लगा दी है।